Bhopal: देशभर में गणेश चतुर्थी के त्योहार की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है. पर्यावरण को देखते हुए हर साल इको-फ्रेंडली (Eco-Friendly) गणेश जी की मूर्ति लेने का आग्रह सरकार द्वारा किया जाता है. पीओपी (Plaster Of Paris) से बनी मूर्तियां पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश के भोपाल में एक बेहद अनोखी गणेश जी की मूर्ति मिल रही है.
इस मूर्ति की खासियत है कि यह गोबर से बनी हुई है और पूरी तरह से इको-फ्रेंडली है. बता दें कि इन मूर्तियों को कांता यादव और उनका परिवार मिलकर बना रहा है. कांता ने यह भी कहा कि उनकी यह मूर्ति की डिमांड काफी बढ़ गई है और यह मूर्ति सभी साइजों में उपलब्ध है.
इस बारे में बात करते हुए कांता यादव ने ANI को बताया कि यह सभी मूर्तियां गाय के गोबर से बनी है. इसे बनाने के लिए पहले गाय के गोबर को ठीक तरह से सुखाया जाता है. इसके बाद इसमें लड़की का बुरादा और मैदा भी मिलाया जाता है. इस मूर्ति को बनाने में सिर्फ नेचुरल कलर्स का ही इस्तेमाल किया गया है. बता दें कि हिंदू धर्म में गाय के गोबर को बहुत पवित्र माना जाता है. इसे पूजा में भी इस्तेमाल की जाता है.
दिल्ली मुंबई जैसे शहरों में भी है इस मूर्ति की डिमांड
उन्होंने ने आगे कहा कि इन मूर्तियों को बनाने में 15 मिनट का ही समय लगता है लेकिन, गोबर को सूखने में 4 से 5 घंटे लगता है. इसे कलर करने के बाद यह 8 दिन में तैयार हो जाएगा. इसके साथ ही इस मूर्ति के की डिमांड दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों तक भी है. उन्होंने यह भी कहा कि लोग इसे बनाने के तरीके के बारे में जानने को भी बहुत उत्सुक है.
उन्होंने आगे कहा कि यह मूर्तियां बिलकुल भी महंगी नहीं है और हर कोई इसे खरीद सकता है. उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि हम गणेश उत्सव को पर्यावरण संरक्षण के साथ मिलकर भी मना सकते हैं. इन मूर्तियों के विसर्जन के बाद हम इसे खाद की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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