कोरोना का साया: महाराष्ट्र में गणेश की मूर्तियों की ऊंचाई की गई सीमित
सरकार ने गणेश मंडलों को मूर्तियों का विसर्जन स्थगित करने की सलाह भी दी है. दस दिवसीय गणेश चतुर्थी महोत्सव 22 अगस्त से शुरू होगा.
मुंबई: कोरोना वायरस महामारी की छाया गणेशोत्सव पर भी पड़ती नजर आ रही है. महाराष्ट्र सरकार ने गणपति मंडलों द्वारा लगायी जाने वाली मूर्तियों की ऊंचाई चार फीट तक ही सीमित रखने का फैसला शनिवार को किया.
गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार घरों में भी दो फुट से अधिक ऊंची मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती है. उसने गणेश मंडलों को मूर्तियों का विसर्जन स्थगित करने की सलाह भी दी है.
यह अधिसूचना मुम्बई मेट्रोपोलिटन क्षेत्र, पुणे और अन्य शहरी क्षेत्रों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि के बीच आई है.
दस दिवसीय गणेश चतुर्थी महोत्सव 22 अगस्त से शुरू होगा. इस दौरान ‘सार्वजनिक मंडल’ पंडालों में मूर्तियां स्थापित करते हैं जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं.
मूर्तियों की ऊंचाई सीमित करने के अलावा सरकार ने लोगों से घरों में धातु या मार्बल की मूर्तियों का इस्तेमाल करने को कहा है. अधिसूचना के अनुसार यदि मिट्टी की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं तो उसे घर में ही या नजदीक के कृत्रिम तालाबों में विसर्जित किया जाए.
मूर्तियों के आगमन और विसर्जन के मौके पर इस साल जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि उनमें बड़ी संख्या में भीड़ जुटती है. अधिसूचना के अनुसार समय की मांग भीड़ रोकना और लोगों का स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
अधिसूचना के अनुसार गणेश मंडलों को केवल स्वैच्छिक दान स्वीकार करना चाहिए तथा इश्तहारों का लक्ष्य भीड़ जुटाना नहीं बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता एवं सामाजिक संदेश होना चाहिए.
अधिसूचना में कहा गया है कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बजाय स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान शिविर लगाया जाना चाहिए तथा कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू आदि के बारे में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए. दूसरा, दैनिक आरती में भीड़ न हो और ध्वनि प्रदूषण नियमों का पालन किया जाना चाहिए. फेसबुक या अन्य माध्यम से दर्शन की ऑनलाइन व्यवस्था होनी चाहिए.
बता दें मुंबई के प्रसिद्ध लालबागचा राजा गणेश मंडल ने इस साल गणेशोत्सव नहीं मनाने का निर्णय लिया है.
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