महाराष्ट्र: गणेश उत्सव में चार चांद लगाने वाले ढोल ताश ग्रुप का फैसला- क्राउड फंडिंग से करेंगे जरूरतमंदों की मदद
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए इस गणेश उत्सव सादगी से मनाने की अपील की है. सरकार ने सभी मंडलों को भीड़, चमक-धमक, नाच-गाने आदि की अनुमति नहीं दी है.
मुंबईः महाराष्ट्र में मनाया जाने वाले गणेश उत्सव में चार चांद लगाने वाले ढोल ताश ग्रुप ने इस बार त्योहार मनाने का तरीका बदल लिया है. मुंबई के पारलेश्वर ढोल ताश पथक ने इस बार गणेश उत्सव का कोई ऑर्डर नहीं लेने का फैसला किया है. इसकी जगह डोनेशन और क्राउड फंडिंग के जरिए पैसे जमा कर कोविड मरीजों और जरूरतमंदों की मदद करने का फैसला किया है.
हर साल अपने ढोल ताशे की आवाज़ से गणेश उत्सव की रौनक बढ़ा देने वाला मुंबई का पारलेश्वर पथक इस साल कुछ सूना महसूस कर रहा है. साल भर जिस त्योहार का उत्सुकता से इंतज़ार किया जाता था और महीनों भर पहले ही प्रैक्टिस शुरू हो जाती था आज उसी पार्लेश्वर ग्रुप में मायूसी है.
पारलेश्वर ढोल ताश पथक के चेतन बताते हैं कि उनके ग्रुप में 400 लोग ढोल ताश बजाते हैं. गणेश उत्सव से महीने भर पहले ही खुले मैदान में ढोल बजाने की तैयारी करते थे. लेकिन इस बार सब सुना है.
पारलेश्वर ढोल ताश पथक की माधवी ने बताया कभी सोचा नही था कि इतने बड़े त्योहार को हम इस तरह से मनाएंगे. उम्मीद करते हैं सब जल्द से जल्द ठीक हो जाए और हम यह त्योहार पहले सरीखे से मना पाए.
महाराष्ट्र सरकार के साथ पारलेश्वर ग्रुप महाराष्ट्र में कोविड 19 के कारण बिगड़ते हालात को देखते हुए और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा गणेश उत्सव को बेहद सादगी से मनाने को लेकर जारी किए गए फरमान का पालन करते हुए पारलेश्वर ग्रुप ने इस बार कोई भी आर्डर नहीं लेने फैसला किया है. साथ ही पथक को मिलने वाले डोनेशन के पैसे जमा कर ज़रूरतमंद और कोविड मरीज़ों की मदद करने का निर्णय लिया है.
दरअसल, महाराष्ट्र और मुंबई में कोरोना के बिगड़ते मामलों को देख मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सभी मंडलों को भीड़, चमक-धमक, नाच - गाने आदि की अनुमति नहीं दी है. ऐसे में साल भर इस त्योहार का इंतज़ार करने वाले हज़ारों ढोल ताश बजाने वाले ग्रुप इससे प्रभावित हुए हैं. लेकिन इसकी परवाह ना कर मुंबई में पारलेश्वर और इसके जैसे कई ढोल ताश ग्रुप सरकार के साथ है. चेतन कहते है के हमारे पास कई लोग आ रहे है पैसे डोनेट कर रहे है. वहीं राशि इकट्ठा कर हम लोगों की मदद करेंगे और गणेश उत्सव को एक अनोखे अंदाज में मनाएंगे.