Fake Vaccination Certificate: मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 5 ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की दोनों डोज लेने का फर्जी सर्टिफिकेट (Certificate) बनाकर देते थे. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनका नाम जुबेर शेख और अल्फैज खान है. ये दोनों ही आरोपी मुंबई (Mumbai) के वडाला इलाके के रहने वाले हैं. ये उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रतापगढ़ से यहां रहने आए थे.


पुलिस ने इनको IPC की धारा 420, 465, 468, 471, 188, 269, 270 तहत गिरफ्तार किया है. कुर्ला पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शशांक शेलके ने बताया कि क्राइम ब्रांच को गुप्त जानकारी मिली थी की जुबेर नाम का शख्स कुर्ला इलाके में उन लोगों को वैक्सीन का सर्टिफिकेट (Certificate Of Vaccine) दे रहा है, जिन्हें कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है और आरोपी इस सर्टिफिकेट के लिए लोगों से पैसे भी ले रहा है.


ट्रैप लगाकर एक आरोपी को हिरासत में लिया गया


इस जानकारी के आधार पर BMC के L वार्ड के मेडिकल ऑफिसर लुब्ना अंसारी के साथ फर्जी ग्राहक भेजकर ट्रैप लगाया गया. जुबेर ने 2,000 रुपये की मांग की थी और कहा था बस आधार कार्ड और मोबाइल नंबर चाहिए, जिसके बाद सर्टिफिकेट मिल जाएगा. इसके बाद जुबेर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पूछताछ के दौरान जुबेर ने अल्फैज का नाम बताया और कहा कि वो इसकी मदद से फर्जी सर्टिफिकेट मुहैया कराता था, जिसके बाद पुलिस ने अल्फैज को वडाला इलाके से गिरफ्तार किया.


यूपी के एक लोकल डॉक्टर की मदद से मंगवाते थे सर्टिफिकेट


दोनों से जब और पूछताछ की गई, तो पता चला कि ये लोग उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में रहने वाले एक प्राइवेट व्यक्ति और लोकल डॉक्टर की मदद से इस तरह से कोरोना की दोनों डोज वाला फाइनल सर्टिफिकेट मंगाया करते थे. इन लोगों की गैंग ने अब तक कितने लोगों को इस तरह से फर्जी सर्टिफिकेट दिया है, इसकी जांच पुलिस कर रही है.


पुलिस को कोविन एप्लिकेशन के साथ छेड़छाड़ शक 


एक अधिकारी ने बताया कि प्रतापगढ़ में ऐसी अफवाह थी कि वैक्सीन से कुछ नहीं होगा, जिसके बाद कई लोगों ने वहां पर एक भी डोज नहीं ली है. हालांकि, वहां रहने वाले कामगारों को मुंबई में काम करने के लिए कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज का होना अनिवार्य था. इस वजह से कई लोगों ने इस गैंग से 700 रुपये में फर्जी सर्टिफिकेट खरीदे थे. पुलिस को शक है कि इन फर्जी सर्टिफिकेट को लेने के लिए कोविन एप्लिकेशन के साथ कुछ छेड़छाड़ की गई है.