नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने मानव तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह में 4 महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस ने इनके पास से दो नवजात बच्चों को भी बरामद किया है. इसमें एक 3 महीने का और दूसरा बच्चा महज डेढ़ महीने का है.
दरअसल, अक्टूबर के महीने में दिल्ली के मोती बाग इलाके के एक गुरुद्वारे के बाहर भीख मांग रही एक महिला का 3 महीने का बच्चा अगवा हो गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने जांच शुरू की. बच्चे की मां ने पुलिस को बताया कि एक महिला उसके पास आई और उससे बातचीत करने लगी. कुछ देर बाद उस महिला ने बच्चे की मां को गुरुद्वारे के अंदर जाकर कुछ खाने के लिए कहा. बच्चे की मां जब वापस बाहर आई तब वह महिला नवजात बच्चे के साथ गायब हो चुकी थी.
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने एक आरोपी को धर दबोचा
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान उन्हें एक गैंग के बारे में सूचना मिली जो गुरुद्वारे, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर सक्रिय रहकर बच्चों को उठाते थे. पुलिस ने मुखबिर की सूचना के बाद गोपाल नाम के शख्स को हिरासत में ले लिया. गोपाल से पूछताछ के बाद इस गिरोह से पर्दा उठता चला गया.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक गोपाल पहले प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था लेकिन ज्यादा पैसों के लालच में आकर उसने एक गैंग के साथ बच्चों की तस्करी शुरू कर दी. आरोपी गोपाल की निशानदेही पर पुलिस गीता रंधावा नाम की एक महिला तक पहुंची जिसके पास से पुलिस ने गुरुद्वारे के बाहर से उठाए गए बच्चे को बरामद कर लिया. गीता से पूछताछ के बाद पुलिस गैंग के बाकी सदस्य पिंकी और अन्य आरोपियों तक पहुंच गई. गैंग की एक और सदस्य ज्योति के पास से क्राइम ब्रांच ने एक डेढ़ महीने का बच्चा भी बरामद किया है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक गोपाल और उसके कुछ अन्य साथी आईवीएफ सेन्टर के चक्कर लगाते थे जिससे कि उन जोड़ों की तलाश की जा सके जिन्हें बच्चे नहीं हो रहे थे. इस गिरोह की सदस्य गीता और पिंकी बच्चे चुराने का काम करती थी. पुलिस ने इस गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें 4 महिलाएं शामिल है. पुलिस के मुताबिक इस गिरोह ने पहले भी कुछ और बच्चों के बेचने की बात कबूल की है जिनकी पुलिस तलाश कर रही है.