फरीदबादः फरीदाबाद साइबर सेल ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो लड़कियों के व्हाट्सएप को पहले तो हैक करते थे और फिर उनकी पर्सनल चैटिंग को वायरल करने की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूलते थे. पुलिस ने गैंग 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिसमें एक लड़की भी शामिल है.
दरअसल, कुछ दिनों से फरीदाबाद साइबर क्राइम को लगातार यह सूचनाएं मिल रही थी कि एक गैंग सक्रिय है जो कि कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों को ब्लैकमेल कर उनसे पैसा वसूल रहा है जिसके बाद पुलिस ने छानबीन करना शुरू किया.
एक बहादुर लड़की ने दिखाई हिम्मत
शुरुआती छानबीन में पुलिस को पता चला कि गैंग के सदस्य पहले तो कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों से किसी बहाने से दोस्ती करते थे और उसके बाद उनके व्हाट्सएप को हैक कर उन्हें ब्लैकमेल करते थे यह कहकर कि उनकी पर्सनल चैट को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा. इस एवज में वो लड़कियों से पैसे वसूलते थे. पुलिस के मुताबिक डर की वजह से लड़कियां शिकायत नहीं करती थी लेकिन एक बहादुर लड़की ने जब अपनी कहानी पुलिस को बताई तब पुलिस ने गैंग को दबोचने का फैसला किया.
दरअसल एनआईटी में पढ़ने वाली एक लड़की ने पुलिस में शिकायत की कि कुछ दिनों से उसे कुछ लोग ब्लैकमेल कर रहे हैं और उससे पैसों की मांग कर रहे हैं इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की और पुलिस ने इस गैंग को धर दबोचा. इस गैंग का मास्टरमाइंड मनीष है. मनीष, पूजा और सत्तार खान के साथ मिलकर इस गैंग को चला रहा था.
फर्जी नंबरों से करते थे लड़कियों को फोन
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह लोग फर्जी नंबरों से लड़कियों को फोन करते थे और धोखे से उनके व्हाट्सएप को हैक कर लेते थे और व्हाट्सएप के जरिए उनकी फोटो और पर्सनल चैट को अपने पास ले लेते थे. इसके बाद उन्हें यह डर दिखाकर कि उनकी पर्सनल चैट को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा उन से पैसों की मांग करते थे.
पुलिस के मुताबिक कुछ लड़कियां डर की वजह से शिकायत नहीं करती थी इस वजह से यह गैंग लगातार वारदातों को अंजाम दे रहा था आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि अब तक 100 से ज्यादा कॉलेज की लड़कियों को यह लोग अपना शिकार बना चुके हैं.
पुलिस के मुताबिक जांच में यह भी सामने आया है कि यह गैंग जिस नंबर से लड़कियों को फोन करता था वह नंबर फर्जी आधार कार्ड के जरिए लिया जाता था. अब पुलिस यह पता करने में जुटी है कि आखिर इनको फर्जी नंबर कैसे मिलते थे और इस गैंग में और भी कौन-कौन शामिल हैं.