नई दिल्ली: वाराणसी में गंगा नदी का जल स्तर काफी तेजी से कम हो रहा है जिसे देखते हुए बड़ी संख्या में श्रद्धालु और आम लोग इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं. आपको बता दें कि जल स्तर में गिरावट की बड़ी वजह बहाव ना होने के कारण गंगा में आया ठहराव है. जिसे देखते हुए वाराणसी के जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने शासन को चिट्ठी लिखी है. डीएम ने इस पत्र में अनुरोध किया है कि जल स्तर को लेकर जल्द से जल्द जरूरी कदम उठाया जाए. साथ ही उन्होंने वाराणसी की जनता की चिंताओं से भी उच्‍चाधिकारियों को अवगत कराया है.


जलस्तर को लेकर श्रद्धालुओं की बढ़ी चिंता


आपको बता दें कि वाराणसी आने वाले श्रद्धालु गंगा में स्नान करते है, फिर वहीं से जल लेकर विश्वनाथ मंदिर में पूजा और दर्शन करते हैं. लेकिन काशी में गंगा घाटों से दूर होती जा रही हैं. वाराणसी के डीएम ने सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव को चिट्ठी लिखकर कहा कि, '' गंगा नदी में पानी का संकट हो गया है. काशी की गंगा में जलस्तर में कमी का असर रामनगर से राजघाट के बीच दिखने लगा है. काशी के धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए गंगा में जल की कमी गंभीर चिंता का विषय है. इस कमी को जल्द से जल्द दूर करें नहीं तो आने वाले समय में पीने के पानी का संकट गहरा जाएगा.''


डीएम ने फोन पर भी की बात


डीएम ने पत्र भेजने के साथ फोन पर भी प्रमुख सचिव से बात की, उन्होंने कहा कि इस संकट को जल्द से ज्लद दूर किया जाना चाहिए नहीं तो आने वाले समय में लोगों को पीने वाले पानी को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने आगे कहा कि आधे शहर को गंगा से ही पीने का पानी मिलता है.


56 मीटर तक पहुंचा गंगा का जलस्तर


केंद्रीय जल आयोग के आंकड़े बताते है कि अप्रैल 2010 में गंगा का औसत जलस्तर 58 मीटर से अधिक था. लेकिन अप्रैल 2018 में यह 56 मीटर तक पहुँच गया है. इससे पहले पिछले आठ साल में गंगा का न्यूनतम स्तर 9 जुलाई 2010 को 57.16 रिकॉर्ड किया गया था. गंगा में पानी कम होने से शहर और यहां आने वाले लोग हैरान परेशान है. नदी घाटों से दिन ब दिन दूर होती जा रही है. तो वहीं शाम को घाटों पर होने वाली आरती की भव्यता और रौनक भी कम हो गई है.