गैंग्स ऑफ 'जामताड़ा' जिसे ढूंढ रही थी 9 राज्यों की पुलिस, दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने उस गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसने देश के आधादर्जन राज्यों के सैकड़ों लोगों की कमाई को बेहद शातिर तरीके से ठगा है.
झारखंड का जामताड़ा वो गांव जहां अमेरिका की एफबीआई से लेकर इजराइल एजेंसी भी जांच के लिए पहुंच चुकी है. वो जगह जहा देश का कोई ऐसा राज्य नहीं जिसकी पुलिस छापेमारी के लिए नहीं पहुंची है. उसी जामताड़ा से दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने तोड़ा है 14 का चक्रव्यूह. वो चक्रव्यूह जिसमें फसकर देश के आधादर्जन राज्यों के सैकड़ों लोग गवां चुके है अपनी मेहनत की कमाई.
दिल्ली पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से 14 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने 9 राज्यों में दर्ज साइबर फ्रॉड के करीब 36 मामले सुलझाने का दावा किया है. इतना ही नहीं पुलिस ने इनकी 2 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी और 20 लाख रुपये भी जब्त किए है.
मास्टरमाइंड को बुलाते थे "रॉकस्टार"
दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस गैंग का मास्टरमाइंड है अल्ताफ अंसारी है. जिसे गिरोह के लोग रॉकस्टार के नाम से बुलाते थे. इतना ही नहीं अल्ताफ के गिरोह की रीढ़ की हड्डी ये ग़ुलाम अंसारी था. जिसे प्यार से सब मास्टर जी बुलाते थे. मास्टरजी इस गैंग के लिए इतना जरूरी था कि अल्ताफ अंसारी इसे हर रोज 40 से 50 हजार रुपये देता था. ग़ुलाम अंसारी ही फ़र्ज़ी वेब साइट बनाकर इसे प्रोमोट करता था. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इनकी वेबसाइट पर जाए औए फिर ये पलक झपकते ही उनके बैंक अकाउंट पर साइबर अटैक करके उसे खाली कर दे.
यूपीआई पेमेंट रिलेटेड फ्रॉड को दे रहे थे अंजाम
पुलिस के मुताबिक के गैंग यूपीआई पेमेंट रिलेटेड फ्रॉड कर रहे थे जिसमें लोगों को बल्क मैसेज भेजकर उनके बैंक अकाउंट या फिर सिम के बंद होने के जानकारी दी जाती और फिर टारगेट जब मैसेज में दिए नंबर पर फोन करता तो उससे KYC की डिटेल्स के नाम पर जानकारी लेकर कुछ पैसे यूपीआई के जरिये मांगते. आपके अकाउंट को हैक कर सारा पैसा उड़ा लेते.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक गैंग का सदस्य ग़ुलाम अंसारी फ़र्ज़ी वेब साइट बनाने और उसपर ट्रैफिक लाने का काम करता था. कोई भी शख्स इन फ़र्ज़ी वेबसाइट पर जब क्लिक करता तो ये उसका मोबाइल हैक कर जानकारी चुरा लेते और फिर टारगेट के एकाउंट से पैसा साफ कर देते. पुलिस के मुताबिक ये लोग हर दिन 40 से 50 लोगों को टारगेट करते थे. जिसमें से 4 से 5 लोग आसानी से फंस जाते थे. फिलहाल पुलिस इस गैंग से जुड़े कुछ और लोगों की तलाश में है.
लेकिन है सबक आप सब के लिए क्योकि गूगल पर मौजूद किसी भी वेबसाइट पर जाकर उसमें दिए लिंक में फसने से पहले उसे पूरा पढ़कर ये जरूर जांच ले कि वो सही वेब साइट है या नहीं. ये साइबर ठग थोड़ी सी आपकी बेध्यानी पर पलक झपकते ही आपकी मेहनत की कमाई पर हाथ फेर सकते है.
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