(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gangster Bunty Pandey: 'गुनाहों का पश्चाताप करना चाहता हूं', कुख्यात गैंगस्टर ने सरकार को पत्र लिख जताई भिक्षु बनने की इच्छा, छोटा राजन गैंग से रहा है ताल्लुक
Uttarakhand News: उत्तराखंड की जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर प्रकाश नारायण पांडेय ने कहा है कि वह एक भिक्षु बनना चाहता है. उसने राज्य सरकार से दीक्षा समारोह आयोजित करने की अनुमति मांगी है.
Gangster Prakash Narayan Pandey: उत्तराखंड की जेल में बंद गैंगस्टर प्रकाश नारायण पांडे उर्फ बंटी पांडेय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर भिक्षु बनने की इच्छा जताई है. कुख्यात गैंगस्टर ने जेल परिसर के बाहर एक मंदिर में दीक्षा कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मांगी है. सोमवार (18 मार्च) को एचटी की एक रिपोर्ट में मामले से परिचित लोगों के हवाले से यह बताया गया.
गैंगस्टर प्रकाश नारायण पांडेय पूर्व में छोटा राजन गैंग में भी रहा है. उसे 2010 में वियतनाम से पकड़कर भारत में लाया गया था. तब से वह जेल में है. अपने पत्र में गैंगस्टर ने कहा है कि वह अपने गुनाहों का पश्चाताप करना चाहता है.
गैंगस्टर को सीबीआई के अनुरोध पर 2002 में उसके खिलाफ पहली बार जारी किए गए इंटरपोल के रेड नोटिस के बाद अक्टूबर 2010 में हनोई में हिरासत में लिया गया था.
पत्र में क्या कुछ कहा गैंगस्टर प्रकाश नारायण पांडेय ने?
रिपोर्ट के मुताबिक, अल्मोड़ा जेल अधीक्षक जयंत पांग्तेय ने बताया कि गैंगस्टर प्रकाश नारायण पांडेय को पीपी के नाम से भी जाना जाता है. जेल अधीक्षक ने बताया, ''हमें पीपी से हाथ से लिखा हुआ पत्र मिला है, जिसमें उसने कहा है कि वह अपने अपराधों के लिए पश्चाताप करना चाहता है और भिक्षु बनना चाहता है. उसने जेल परिसर के बाहर एक मंदिर में दीक्षा कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति का अनुरोध किया है.''
जेल अधीक्षक ने कहा कि गैंगस्टर प्रकाश नारायण पांडेय एक शातिर अपराधी है, इसलिए जेल उसे ऐसे अनुमति नहीं दे सकता है. उन्होंने कहा कि उसका ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए अनुरोध संभवतः अस्वीकार कर दिया जाएगा.
मुंबई क्राइम ब्रांच ने इंटरपोल की मदद से किया था गिरफ्तार
गैंगस्टर की गिरफ्तारी को लेकर द हिंदू की एक पुरानी रिपोर्ट में मुंबई पुलिस के हवाले से बताया गया था कि मुंबई क्राइम ब्रांच ने इंटरपोल की मदद से गैंगस्टर को वियतनाम से गिरफ्तार किया था. पुलिस बताया था कि प्रकाश नारायण पांडेय अपना गिरोह बनाने से पहले छोटा राजन का करीबी सहयोगी था. वह भारत में 34 मामलों में वॉन्टेड था, जिनमें ज्यादातर जबरन वसूली से संबंधित थे.
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