जनता की जेब पर डाका: लहसुन 300, अदरक 120 रुपए किलो पहुंचा, टमाटर-प्याज अभी भी महंगा
जानकारों की माने तो टमाटर और प्याज की फसल पीछे से ही कमा रही है और बारिश के कारण टमाटर और प्याज की फसलें भी काफी खराब हुई हैं, जिसकी वजह से दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
नई दिल्ली: आर्थिक मंदी के इस दौर में जनता पर दोहरी मार पड़ रही है. आसमान छूटी महंगाई जनता की कमर तोड़ रही है. त्यौहारों के इस सीज़न में राजधानी दिल्ली और एनसीआर में सब्जियों के दाम रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. हाल ये है कि रिटेल में लहुसन 300 रुपए, अदरक 120 रुपए किलो तक बिक रहा है. इतना ही नहीं टमाटर और प्याज़ के दामों में अभी तक कोई खास गिरावट दर्ज नहीं की गई है. व्यापारियों का मानना है कि दीवाली तक महंगाई से राहत के आसार नहीं हैं.
फरवरी तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं
रिटेल में लहुसन के दाम 300 रुपए प्रति किलो और अदरक के 120 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए. लहुसन विक्रेताओं का कहना है कि साल 2010 के बाद लहसुन और अदरक पहली बार इतना महंगा हुआ है. व्यापारियों का कहना है कि मंडी में इनकी फसल कम आ रही है और दाम बढ़ने से माल भी कम बिक रहा है. फरवरी तक लहसुन और अदरक के दामों में कमी नहीं आएगी.
60-70 रुपए प्रति किलो बिक रहे टमाटर-प्याज
थोक बाजार में प्याज़ और टमाटर के दामों में हल्की सी गिरावट देखी गयी है. हांलाकि रिटेल में प्याज टमाटर अब भी 60-70 रुपए प्रति किलो बिक रहा. धनिया और पुदीना के दाम भी 300 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. इतनी महंगाई में अगर कोई सब्ज़ी विकल्प के रूप में मौजूद है तो वो है थोक के भाव में 5 से 20 रुपए प्रति किलो बिकने वाला बैंगन और 10 रुपए किलो की दर से बिकने वाला आलू.
जानकारों की माने तो टमाटर और प्याज की फसल पीछे से ही कमा रही है और बारिश के कारण टमाटर और प्याज की फसलें भी काफी खराब हुई हैं, जिसकी वजह से दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
सब्जियों के रेट-
- शिमला मिर्च- 80 से 100 रुपए किलो
- परवल- 50 रुपए किलो
- फूल गोभी- 60 रुपए किलो
- बंद गोभी- 50 रुपए किलो
- आंवला- 25 रुपए किलो
- बैंगन- 5 से 10 रुपए किलो
- बड़ा बैंगन- 20 रुपए किलो
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