Gauhati High Court: गुवाहाटी हाई कोर्ट की ईटानगर बेंच ने अरुणाचल प्रदेश में कथित 142 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया. हाई कोर्ट में दायर की गई ये जनहित याचिका संख्या 13/2022, काकू पोटोम ने दायर की थी. ये योजना केंद्र सरकार की दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत आरोपों से जुड़ी हुई थी.
इंडिया टुडे एनई की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले एक गैर सरकारी संगठन अरुणाचल अगेंस्ट करप्शन (एएसी) ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) कोष सहित विभिन्न विभागों में करोड़ों रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया. इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि इस जनहित याचिका में ऐसी कोई ठोस सामग्री नहीं दी गई है जिसके आधार पर यह अनुमान लगाया जा सके कि टेंडर प्रक्रिया में कोई अवैधता थी.
याचिकाकर्ता को PIL पेश करने का नहीं है कोई अधिकार- HC
इस मामले पर गुवाहाटी हाई कोर्ट की ईटानगर बेंच ने माना कि याचिकाकर्ता के पास इस जनहित याचिका को पेश करने का कोई अधिकार नहीं है. एडवोकेट प्राचा ने दावा किया कि प्रतिवादी के हलफनामे में साफ तौर पर जिक्र किया है कि राज्य स्तरीय पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष के अनुमोदन और हस्ताक्षर के बिना सारी परियोजना रिपोर्ट ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड, बिजली मंत्रालय को भेज दी गई है.
धन का गबन हुआ है होनी चाहिए जांच-एडवोकेट प्राचा
इस दौरान एडवोकेट प्राचा ने कहा, "डीपीआर की मंजूरी 15 अक्टूबर 2019 को आरईसी को भेजी गई थी, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि डीपीआर को मंजूरी देने के लिए विभागीय समिति का गठन 22 नवंबर 2019 को किया गया था. उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी प्रत्युत्तरदाता ने अपने हलफनामे में यह भी जिक्र किया है कि ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय ने टेलीफोन पर टेंडर पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं."
उन्होंने कहा, "हम यह तर्क नहीं दे रहे हैं कि पूरे 142 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया गया है लेकिन धन का गबन हुआ है जिसकी जांच होनी चाहिए.
कई परियोजनाएं में अभी चल रहा काम- याचिकाकर्ता
इस दौरान याचिकाकर्ता काकू पोटोम ने दावा किया है कि डीडीयूजीजेवाई के तहत परियोजनाएं अभी भी पूरी नहीं हुई हैं और कई परियोजनाएं अभी भी निर्माणाधीन चल रही हैं. उन्होंने कथित घोटाले की जांच के लिए तीसरे पक्ष की जांच समिति गठित करने की अपील करते हुए कहा, "मैंने व्यक्तिगत रूप से तवांग, बोमडिला और नामसाई के कई इलाकों का दौरा किया है. जहां डीपीआर में खामियां हैं, यहां तक कि मुख्य अभियंता ने भी इसे स्वीकार किया है."
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