Assam Child Marriage: असम बाल विवाह में हुई गिरफ्तारियों पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- जीवन में तबाही मचा रही हैं
Gauhati High Court: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि यह लोगों के निजी जीवन में तबाही मचा रहा है. इसमें बच्चे, परिवार के सदस्य, बूढ़े लोग शामिल हैं.
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Assam Child Marriage Arrests: असम की हिमंता सरकार लगातार 'बाल विवाह' के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है. सरकार के आदेश पर गिरफ्तारियां हो रही है, साथ ही कई लड़कियों ने आत्महत्या तक कर ली है. असम सरकार का साफ मानना है कि बाल विवाह कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस बीच बाल विवाह पर असम सरकार की कार्रवाईयों पर गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है.
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने नाबालिगों को यौन अपराधों से बचने के लिए ठोस कानून के तहत आरोपों को शामिल करने पर आपत्ति जताई. बाल विवाह के अपराधों के आरोपियों को पुलिस लगातार गिरफ्तार करके अस्थायी जेलों में डाल रही है. असम की महिलाएं इसका विरोध कर रही हैं, क्योंकि वे (पुरुष) परिवार के एकमात्र कमाने वाले हैं.
हजारों केस दर्ज, पुलिस कार्रवाई पर सवाल!
असम में बाल विवाह को लेकर राज्य भर में 4,074 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिसके सिलसिले में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 2,441 हो गई है. असम सरकार की कार्रवाई पर इसलिए सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि सालों पुराने मामलों में अब कार्रवाई हो रही है.
विशेषज्ञों ने भी बाल विवाह के मामलों में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के लिए पॉक्सो एक्ट को लागू करने की वैधता पर भी संदेह जताया है. पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किए गए 9 आरोपियों को गिरफ्तारी से पहले ही जमानत देते हुए गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा, ये ऐसे मामले नहीं हैं, जिनमें पूछताछ की जरूरत हो.
हम किसी को बरी नहीं कर रहे- कोर्ट
जस्टिस सुमन श्याम ने कहा, "पॉक्सो... आप कुछ भी जोड़ सकते हैं. यहां पॉक्सो (आरोप) क्या है? केवल इसलिए कि पॉक्सो को इसमें जोड़ा गया है, क्या इसका मतलब यह है कि हम (जज) यह नहीं देखेंगे कि ये क्या है? हम यहां किसी को बरी नहीं कर रहे हैं. कोई भी आपको जांच करने से नहीं रोक रहा है." कोर्ट ने एक दूसरे केस की सुनवाई करते हुए कहा कि क्या यहां कोई बलात्कार के आरोप हैं.
जीवन में तबाही मचा रहा है
कोर्ट ने एक अन्य संबंधित मामले में कहा, "फिलहाल, इस कोर्ट की राय है कि ये ऐसे मामले हैं जिनमें हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है... अगर आप किसी को दोषी पाते हैं, तो चार्जशीट दायर करें."
कोर्ट ने आगे कहा, "यह लोगों के निजी जीवन में तबाही मचा रहा है. इसमें बच्चे, परिवार के सदस्य, बूढ़े लोग शामिल हैं. जाहिर तौर पर बाल विवाह बुरा विचार है. हम अपने विचार देंगे, लेकिन फिलहाल मुद्दा यह है कि क्या गिरफ्तार किए गए लोगों को जेल में डाला जाना चाहिए?"
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