कोरोना वायरस एक ऐसी खतरनाक महामारी है जिसके चलते पूरी दुनिया को लॉकडाउन करना पड़ गया. इस बीमारी के चलते देश में ही अब तक 1 लाख 40 हजार से ज्यादा की मौत हो चुकी है जबकि, इसने 96 लाख से ज्यादा लोगों को इसने अपनी चपेट में ले लिया. देश के दूर-दराज के इलाकों में अगर किसी को कोविड-19 हो जाए और ऑक्सीजन की जरूरत पड़े तो शायद उसके बगैर ही कई मरीज यूं ही दम तोड़ देते होंगे. इस संकट की घड़ी में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन बैंक बनाकर कई लोगों की जान बचा बिहार के गौरव राय ने एक मिसाल कायम की है.


कोरोना पीड़ितों के लिए गौरव ने बनाया ऑक्सीजन बैंक


गौरव राय ने 20 जुलाई से ऑक्सीन बैंक बनाकर कोरोना पीड़ितों की मदद करनी शुरू की और आज पटना में उन्होंने 200 ऑक्सीजन सिलिंडर लगाया है. आज बिहार के 18 जिलों में वह ऑक्सीजन सिलिंडर के जरिए अकेले लोगों की मदद कर रहे हैं. इस ऑक्सीजन सिलिंडर का इस्तेमाल कर अब तक पूरी तरह से 109 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि अभी 91 लोग इस ऑक्सीजन सिलिंडर का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन लोगों ने घर पर ही अपना इलाज कराया और डॉक्टरों की सलाह पर इन्हें ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराया गया. करीब 300 ऑक्सीमीटर भी उपलब्ध कराया गया है.


गौरव को हुआ था कोरोना, मुश्किल से मिला था सिलिंडर


कोरोना पीड़ितों की मदद कर रहे गौरव एक सॉफ्टवेयर सिस्टम में बतौर जीएम काम करते हैं. उन्होंने बताया कि जुलाई के पहले हफ्ते में जब उन्हें दस्त लगी. उसके बाद उन्हें अंदेशा हुआ कि शायद उन्हें कोरोना हुआ और उन्होंने खुद को क्वारंटाइन कर लिया. लेकिन, जब 14 जुलाई को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हुई तो वे खुद ही गाड़ी चलाकर पीएमसीएच पहुंच गए. वहां पर चेक करने पर पता चला कि ऑक्सीजन लेवल 54 पर चला गया और बड़ी मुश्किल से ऑक्सीजन सिलिंडर का इंतजाम हो पाया.





कोरोना से ठीक होने क बाद गौरव ने की मदद की शुरुआत


उस मुश्किल वक्त जिस वक्त गौरव बेड जिंदगे के लिए संघर्ष कर रहे थे तो उनकी पत्नी अरूणा ने उनके कहा था कि ठीक होने पर हम लोग मुफ्त में ऑक्सीजन बैंक बनाकर लोगों की मदद करेंगे. उसके बाद जब गौरव घर पहुंचे और उन्होंने उसी दिन पत्नी के सहयोग से तीन सिलिंडर खरीदकर ऑक्सीजन बैंक शुरू कर दिया था. हालांकि, बाद में कई लोगों ने इस काम में गौरव का सहयोग किया. इसके साथ ही, बिहार फाउंडेशन की तरफ से भी उन्हें 200 सिलिंडर उपलब्ध करवाया गया. आज पटना में 812 सिलिंडर अभी लोगों को लगा हुआ है. बिहार के 18 जिलों में आज उनका यह ऑक्सीजन बैंक चल रहा है, जिसे वह अकेले ही बखूबी अंजाम दे रहे हैं.


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