बेंगलूरू: बेंगलूरू की एक अदालत ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या मामले में चार संदिग्धों को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मनोहर गुंडप्पा इडवे (30), सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण (37), अमोल काले उर्फ भाईसाब (40) और अमित को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया और पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में भेजने की मांग की. एसआईटी के सूत्रों के अनुसार कन्नड लेखक के एस भगवान की हत्या की कथित तौर पर साजिश रचने के आरोप में हाल ही में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. एसआईटी ने गौरी लंकेश की हत्या मामले में शमिल होने के संदेह में उन्हें गिरफ्तार किया है. पुलिस इससे पहले के टी नवीन कुमार को गौरी लंकेश हत्या मामले में गिरफ्तार कर चुकी है. उसके खिलाफ बुधवार को आरोप पत्र दाखिल किया गया.


चर्चित कन्नड़ सप्ताहिक 'लंकेश पत्रिके' की संपादक गौरी लंकेश की पांच सितंबर को बेंगलुरू स्थित उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस दर्दनाक घटना से समूचा देश स्तब्ध रह गया. आक्रोश में कर्नाटक और राष्ट्रीय राजधानी सहित कई राज्यों में प्रदर्शन किए गए. खासकर पत्रकार बिरादरी ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमले की भर्त्सना की और देश में पत्रकारों पर बढ़ते खतरे को लेकर चिंता प्रकट की. प्रदर्शनों का सिलसिला अभी थमा नहीं है.


55 वर्षीय गौरी लंकेश धर्मनिरपेक्ष देश में हिंदूवाद को बढ़ावा दिए जाने के खिलाफ लिख रही थी. वह अन्य अखबारों के लिए भी कॉलम लिखती थीं और समाचार चैनलों के डिबेट में शामिल होती थीं. उन्होंने राणा अय्यूब की किताब 'गुजरात फाइल्स' का कन्नड़ में अनुवाद किया है. उन्हें श्रीराम सेने सहित कई दक्षिणपंथी संगठनों से धमकियां मिलती रही थी.


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