गौरी लंकेश मर्डर: अबतक गिरफ्त से दूर हत्यारे, अलग-अलग एंगल से जांच जारी
गौरी लंकेश की हत्या पर कई अलग-अलग नज़रिए से जांच हो रही है. लेकिन बुनियादी सवाल तो अब भी वही बना हुआ है कि गौरी लंकेश के हत्यारे कब पकड़े जाएंगे?
बेंगलूरु: बेंगलूरु में महिला पत्रकार गौरी लंकेश के हत्यारे अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. हालांकि पुलिस अब तक मिले सुरागों के आधार पर कई पहलुओं से छानबीन कर रही है. एक नया एंगिल ये सामने आ रहा है कि कहीं इस हत्या में गौरी से नाराज़ नक्सलियों का हाथ तो नहीं है?
गौरी की मौत की जांच के लिए बनी एसआईटी पत्रकारिता से लेकर नक्सल एंगल तक जांच कर रही है. कहा जा रहा है कि गौरी ने कई नक्सलियों को हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लाने का काम किया था, जिससे नक्सली उनसे नाराज़ चल रहे थे.
सीसीटीवी में दिखा एक हमलावर
पुलिस को कुछ ऐसे सुराग़ भी मिले हैं जो केस को सुलझाने में अहम साबित हो सकते हैं. पुलिस के मुताबिक, सीसीटीवी में एक हमलावर दिख रहा है, जिसने हेलमेट पहन रखा है. इस हत्याकांड की जांच को लेकर कल बेंगलूरु के सीआईडी मुख्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई.
गौरी लंकेश के करीबियों से पूछताछ में ये भी पता चला है कि गौरी को कुछ लोगों से लगातार धमकियां मिल रही थीं. पुलिस ने गौरी लंकेश के कट्टर दक्षिणपंथी विचारधारा वाले विरोधियों की जांच भी शुरू कर दी है.
हत्या पर ख़ुशी जताने वालों से भी पूछताछ
गौरी को सोशल मीडिया पर धमकाने या गाली देने वालों और उनकी हत्या पर ख़ुशी जताने वालों से भी पूछताछ की जा रही है. पुलिस गौरी के मोबाइल रिकॉर्ड खंगाल रही है. साथ ही उनके घर और दफ्तर के आसपास के मोबाइल टावरों की जांच भी की जा रही है.
इस बीच गौरी लंकेश और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बीच पिछले शनिवार को दो घंटे तक चली एक बैठक भी चर्चा का विषय बनी हुई है. कुछ लोग कह रहे हैं कि गौरी सरकार में हो रही किसी गड़बड़ी पर बड़ा धमाका करने जा रही थीं और मुख्यमंत्री से बैठक उसी सिलसिले में हुई थी.
कर्नाटक के राजनीतिक गलियारों में कुछ लोग इस हत्याकांड के पीछे लिंगायत वोटबैंक की राजनीति का हाथ भी देख रहे हैं. कुल मिलाकर गौरी लंकेश की हत्या पर कई अलग-अलग नज़रिए से जांच हो रही है. लेकिन बुनियादी सवाल तो अब भी वही बना हुआ है कि गौरी लंकेश के हत्यारे कब पकड़े जाएंगे?