(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gauri Lankesh Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला बदला, आरोपी मोहन नायक पर KCOCA की धारा बहाल
Gauri Lankesh Murder Case: शीर्ष अदालत ने हत्या के मामले में एक आरोपी के खिलाफ KCOCA की धारा बहाल करने का आदेश दिया है. गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश और कर्नाटक सरकार ने इस फैसले को चुनौती दी थी.
Gauri Lankesh Murder Case: दिवंगत पत्रकार गौरी लंकेश हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है. शीर्ष अदालत ने इस हत्या के मामले में एक आरोपी के खिलाफ कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण कानून (KCOCA) की धारा बहाल करने का आदेश दिया है. गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश और कर्नाटक सरकार ने इस फैसले को चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ अपील की अनुमति दे दी है, जिसने गौरी लंकेश हत्या मामले में एक आरोपी मोहन नायक (कविता लंकेश बनाम कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण) के तहत आरोपों को खारिज कर दिया था. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने लंकेश की बहन कविता लंकेश द्वारा उच्च न्यायालय के फैसले का विरोध करने वाली एक अपील पर आरोपों को बहाल कर दिया.
शीर्ष अदालत के समक्ष चुनौती के तहत आदेश 22 अप्रैल 2021 को दिया गया था, जब कर्नाटक हाईकोर्ट ने 2018 में पारित बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त के आदेश और उसके बाद दायर पूरक आरोपपत्र को रद्द कर दिया था. नायक के खिलाफ KCOCA की धारा 3(1)(i), 3(2), 3(3) और 3(4) के तहत अपराध हटा दिए गए. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील में आरोप लगाया गया कि नायक अपराध करने से पहले और बाद में लंकेश के हत्यारों को आश्रय प्रदान करने में सक्रिय रूप से शामिल था.
याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने KCOCA की धारा 24 की योजना की जांच न करके गलती की है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी विशेष अदालत अधिनियम के तहत किसी भी अपराध का संज्ञान पुलिस अधिकारी की पूर्व मंजूरी के बिना नहीं लेगी, जो कि रैंक से नीचे का नहीं है. गौरतलब है कि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या साल 2017 में गोली मारकर कर दी गई थी.