Gautam Adani on Eric Garcetti: भारत के लजीज खानों की दीवानगी पूरी दुनिया में है. दुनियाभर से भारत आए लोग यहां के तौर तरीके ही नहीं, खान-पान से भी खुब प्रभावित होते हैं. लेकिन बात तब और भी खास हो जाती है, जब दुनिया की मशहूर हस्तियां भी भारतीय पकवान को खाकर उंगली चाटते रह जाते हैं. भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी भी भारत में पिछले एक साल से रह रहे है. इस दौरान वह कड़क चाय पीने से लेकर छोले भटूरे तक के दीवाने हैं और अब उनकी दीवानगी को देखकर अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी काफी प्रभावित हैं.
एरिक गार्सेटी ने हाल में ही गुजरात में अडानी समूह की खावड़ा अक्षय ऊर्जा केंद्र पहुंचे, जहां उन्हें यह देखकर अच्छा लगा कि अडानी समूह भारत को कार्बन मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर रहा है. इस दौरान गौतम अडानी, एरिक गार्सेटी की भारतीय पकवान को लेकर दीवानगी से काफी प्रभावित हुए. उन्होंने कहा कि वह भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी द्वारा भारतीय संस्कृति को अपनाने और कड़क चाय पीने से लेकर छोले भटूरे के प्रति उनकी दीवानगी को देखकर आश्चर्यचकित हैं.
और हैरान रह गए गौतम अडानी
गौतम अडानी ने कहा, "अमेरिकी राजदूत का कड़क चाय पीने, होली मनाने, क्रिकेट खेलने, हिंदी में बोलने, रोज छोले भटूरे खाने और भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम अद्भुत है." उन्होंने आगे बताया कि इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राजदूत ने भू-राजनीति, एनर्जी ट्रांजिशन और भारत-अमेरिकी संबंधों पर भी खुल कर बात की.
अडानी समूह गुजरात के कच्छ में खावड़ा में 538 वर्ग किलोमीटर बंजर भूमि पर 30 हजार मेगावाट की दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा परियोजना विकसित कर रहा है. यह पेरिस के क्षेत्रफल से पांच गुना और मुंबई शहर जितना बड़ा है. इसके पहले गार्सेटी ने एक्स पर पोस्ट किया, "गुजरात में खावड़ा रिन्यूअल एनर्जी फैसिलिटी की अपनी यात्रा के दौरान मैंने भारत के शून्य-उत्सर्जन लक्ष्यों को आगे बढ़ाने वाली अडानी ग्रीन की परियोजनाओं के बारे में जाना."
खावड़ा में दुनिया के सबसे बड़े अक्षय ऊर्जा संयंत्र में 12 महीने के भीतर दो गीगावाट बिजली के उत्पादन पर काम शुरू करने का एक रिकॉर्ड स्थापित किया है. 8,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला, मुंद्रा आर्थिक केंद्र सबसे बड़े बहु-उत्पाद एसईजेड, मुक्त व्यापार और भंडारण क्षेत्र (FTWZ) और घरेलू औद्योगिक क्षेत्र के रूप में निवेश के विकल्प प्रदान करता है. एपीएसईजेड का पहला बंदरगाह मुंद्रा ने 1998 में अपने पहले जहाज का स्वागत किया. तब से कंपनी ने देश के पूर्वी और पश्चिमी तटों पर 15 बंदरगाहों और टर्मिनलों का एक नेटवर्क तैयार किया है. मुंद्रा बंदरगाह एक महीने (अक्टूबर 2023) में 16 एमएमटी कार्गो का संचालन करने वाला भारत का पहला बंदरगाह बन गया.
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