पवार को अल्का लांबा ने कहा 'लालची' तो फडणवीस बोले- पॉलिटिक्स को गंदा बना रहे राहुल गांधी
Gautam Adani Row: शरद पवार के गौतम अडानी पर टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा था कि डरे हुए लालची लोग तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं.
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Gautam Adani Row: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता शरद पवार के अडानी पर दिए बयान को लेकर राजनीति गरमा गई है. बयान को लेकर एनसीपी की लंबे समय से सहयोगी कांग्रेस की नेता अल्का लांबा ने शरद पवार पर हमला बोला था. इसे लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. फडणवीस ने राहुल गांधी पर भारतीय राजनीति को दूषित करने का आरोप लगाया.
फडणवीस ने अल्का लांबा के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा, ''राजनीति आएगी और जाएगी, लेकिन 35 साल के अपने लंबे समय से सहयोगी और भारत के सबसे वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं में से एक और महाराष्ट्र के 4 बार के सीएम पर कांग्रेस नेता का यह ट्वीट भयावह है. राहुल गांधी भारत की राजनीतिक संस्कृति को विकृत कर रहे हैं.''
क्या कहा था अलका लांबा ने?
गौतम अडानी पर शरद पवार की टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा ने उन पर हमला बोला था. अलका लांबा ने ट्वीट कर लिखा, "डरे हुए, लालची लोग ही आज अपने निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं. देश के लोगों की लड़ाई एक अकेले राहुल गांधी लड़ रहे हैं. पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले चौकीदार से भी."
इसके साथ ही अलका लांबा ने एक तस्वीर भी पोस्ट की थी, जिसमें शरद पवार और अडानी एक साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं.
अडानी मामले पर पवार ने रखी थी अलग राय
गौतम अडानी मामले पर कांग्रेस और विपक्षी दल जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन एनसीपी चीफ ने इससे अलग राय रखी थी. शनिवार (8 अप्रैल) को शरद पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ''वह अडानी ग्रुप के खिलाफ जेपीसी की मांग के पूरी तरह खिलाफ नहीं है, लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की एक समिति अधिक प्रभावी होगी.'' पवार ने कहा, ''जेपीसी में 21 सदस्य होते हैं, इसमें 15 सदस्य सत्ता पक्ष की तरफ से होंगे और 6 सदस्य विपक्ष की तरफ से होंगे. ऐसे में सच्चाई का आना कहां तक संभव है.''
इसके पहले एनडीटीवी से बातचीत में शरद पवार ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आधार पर अडानी समूह की आलोचना को सही नहीं कहा था. पवार ने कहा था कि विदेशी संस्था जब कोई बात कहती हैं तो हमें ये देखना चाहिए कि उसका एजेंडा क्या है. ऐसे हंगामे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं.
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