नई दिल्ली: पूर्व क्रिकेटर और पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के सांसद गौतम गंभीर की दरियादिली सामने आई है. गंभीर ने दिल की बीमारी झेल रही एक सात साल की पाकिस्तानी बच्ची को इलाज के लिए भारत का वीजा दिलाने में मदद की है. गंभीर ने इसके लिए विदेश मंत्रालय में चिट्ठी लिखकर दरख्वास्त की थी. गौतम गंभीर के पत्र का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि उन्होंने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग को उमैयमा अली एवं उसके अभिभावकों को जरूरी वीजा देने का निर्देश दिया है.
इस बारे में बात करते हुए गंभीर ने कहा कि उन्हें लड़की की बीमारी की जानकारी फोन के जरिये पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद यूसुफ से हाल में मिली थी. इसके बाद उन्होंने एक अक्टूबर को बच्ची की मदद के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा. जयशंकर ने नौ अक्टूबर को जवाबी पत्र में कहा, ‘‘मैं इस्लामाबाद स्थित उच्चायोग को उमैयमा अली और उसके अभिभावकों को उचित वीजा जारी करने का निर्देश दिया है.’’
गंभीर ने ट्विटर पर पत्र भी साझा किया है. पूर्वी दिल्ली से सांसद गंभीर ने कविता के रूप में अपनी खुशी का इजहार करते हुए लिखा, ‘‘उस पार से एक नन्हे दिल ने दस्तक दी, इस पार दिल ने सब सरहदें मिटा दी. उन नन्हें कदमों के साथ बहती हुई मीठी हवा भी आई है, कभी-कभी ऐसा भी लगता है जैसे बेटी घर आई है.’’
गंभीर ने हृदय की सर्जरी के लिए पाकिस्तानी लड़की और उसके अभिभावकों को वीजा देने के लिए विदेशमंत्री एस जयशंकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद दिया.
उमैयमा अली के मामा अली नवाज ने कराची से फोन पर समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘‘ धन्यवाद गौतम गंभीर, हमें भारत में इलाज कराने के लिए वीजा मिल गया है. वे जल्द भारत आएंगे.’’ गंभीर ने कहा कि 2012 में नोएडा के एक निजी अस्पताल में बच्ची का करीब सात-आठ महीने तक इलाज चला था. डॉक्टरों ने ओपन हार्ट सर्जरी की सलाह दी थी जिसके बाद परिवार उसे वापस पाकिस्तान ले गया था. नवाज ने कहा कि उनका परिवार तब से डॉक्टरों के संपर्क में है और सर्जरी के लिए वीजा आवेदन कर रहा था.