Israel Hamas War: गाजा में हो रहे युद्ध से परेशान हुए बेंगलुरू के लोग, जानें ऐसा क्या हुआ कि मची है हाय-तौबा
Israel Hamas War: पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुए इजरायल और हमास के बीच के युद्ध ने दुनिया के कई देशों को प्रभवाति किया है. इस बीच फिलिस्तीन से भारत आने वाले सामानों में भारी गिरावट दर्ज की गई.
Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच गाजा में पिछले छह महीने से अधिक समय से युद्ध जारी है. इस युद्ध के कारण दुनिया के देश कई देशों पर राजनीतिक प्रभाव पड़े. इस युद्ध के कारण अब बेंगलुरू के लोग परेशान नजर आ रहे हैं, क्योंकि इस रमजान उन्हें खजूर की सबसे लोकप्रिय क्वालिटी मेडजूल और सफावी की आपूर्ति नहीं हो पाई. बेंगलुरु में सऊदी अरब, ईरान, जॉर्डन और ट्यूनीशिया से आयात हुए खजूर मिलते हैं.
फिलिस्तीन से कम हो गया खजूर का आयात
अब रमजान का महीना खत्म हो चुका है और ऐसे समय में खजूर सहित अन्य ड्रई फ्रूट की बिक्री तेजी से बढ़ रही है. इस समय फिलिस्तीन से खजूर का आयात कम हो गया है. बेंगलुरु में मेडजूल, सागाई, अजवा, सफावी, सुकरी, मैबरूम और सुफरी किस्मों के खजूर ज्यादा बिकते हैं. इस साल बेंगलुरु में सबसे ज्यादा मडजूल किस्म की खजूर की बिक्री हुई, जो मुख्य रूप से जॉर्डन से आती है. इसकी कीमत होलसेल मार्केट में 1,500 रुपये प्रति किलोग्राम और खुदरा दुकानों में 1920 रुपये प्रति किलो हैं.
इजरायल से खजूर नहीं खरीदेंगे व्यापारी
इसके बाद अजवा किस्म के खूजर की बिक्री बेंगलुरु में ज्यादा है, जो मुख्य रूप से सऊदी अरब से आयात किया जाता है. इसकी कीमत होलसेल मार्केट में 1200 रुपये प्रति किलो और खुदरा दुकानों में 1650 रुपये प्रति किलो है. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक बेंगलुरु में ड्राई फ्रूट के होलसेल व्यापारी मोहम्मद इदरीस चौधरी ने कहा, "हम इजरायल से खजूर की खरीद रोकने की योजना बना रहे हैं. कई व्यापारियों ने फिलिस्तीन से खजूर की खरीदारी शुरू भी कर दी है."
उन्होंने कहा, "रमजान के पवित्र महीने के दौरान कई लोग खजूर खरीदते हैं. मुजाफती एक ईरानी किस्म की सस्ती दरों पर मिलने वाला खजूर है और इसकी उपलब्धता भी अधिक है. इसे 280 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है."
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