आर्थिक मोर्चे पर आई बुरी खबर, जीडीपी ग्रोथ रेट 5.8% से घटकर 5% हुई
आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश की जीडीपी की ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गई है.
नई दिल्ली: देश की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी ग्रोथ रेट) 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच फीसदी रह गयी. यह पिछले छह साल से ज्यादा वक्त में न्यूनतम स्तर है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट और कृषि उत्पादन की सुस्ती से जीडीपी वृद्धि में यह गिरावट आई है. शुक्रवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है.
कृषि विकास दर पिछले साल के 5.1 फीसदी के मुकाबले 2 फीसदी पर आ गई है. वहीं मैन्युफैक्चरिंग में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है. पिछले साल मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ रेट 12.1 फीसदी थी जो अब घटकर 0.6 फीसदी पर आ गई है.
इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की जनवरी से मार्च अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर सबसे निचले स्तर 4.9 फीसदी पर रही थी. एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर आठ फीसदी के उच्च स्तर पर थी. जबकि इससे पिछली तिमाही यानि जनवरी से मार्च 2019 में वृद्धि दर 5.8 फीसदी रही थी.
GDP at Constant (2011-12) Prices in Q1 of 2019-20 is estimated at 35.85 lakh crore, as against 34.14 lakh crore in Q1 of 2018-19, showing a growth rate of 5.0 % pic.twitter.com/0TBAkuTwKO
— ANI (@ANI) August 30, 2019
भारतीय रिजर्व बैंक ने जून में हुई मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान सात फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया था. इसके साथ ही केन्द्रीय बैंक ने कुल मांग बढ़ाकर वृद्धि चिंताओं से निपटने पर जोर दिया था.
RBI ने वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर के 5.8 फीसदी से 6.6 फीसदी और दूसरी छमाही में 7.3 फीसदी से 7.5 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान जताया है. साल 2019 की अप्रैल-जून अवधि में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 फीसदी रही है जो पिछले 27 साल में सबसे कम रही.
जीडीपी गिरने से रोजगार पर असर पड़ता है.
शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
निवेशकों का भरोसा घटता है.
वित्त मंत्री ने आज कहा था देश की इकॉनमी सही हालात में है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज घरेलू अर्थव्यवस्था को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि देश की इकॉनमी सही हालात में है. उन्होंने बैंकों की अच्छी स्थिति के बारे में कहा कि इनके एनपीए (नॉन पफॉर्मिंग ऐसेट) कम हुए हैं और मुनाफा बढ़ा है जो अच्छी खबर है. वित्त मंत्री ने बताया कि कम समय में लोन रिकवरी बढ़ गई है और कर्ज वसूली रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. एनपीए में कमी आई है और ये 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपये हो गया है यानी अब 7.90 लाख करोड़ का एनपीए बचा है. 2019 में 1 लाख 21 हजार 76 करोड़ की रिकवरी हुई है जो काफी अच्छी कही जा सकती है. इसके अलावा 18 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से 14 सरकारी बैंक फायदे में है, बैंकों का मुनाफा बढ़ा है.