India GE-414 Military Jet Engine: भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में कई मुद्दों को लेकर सहमति बन गई है. इसी कड़ी में अमेरिका ने GE सैन्य जेट इंजन को भी हरी झंडी दिखा दी है. अब भारत GE-414 सैन्य जेट इंजन का निर्माण करेगा. भारत का विशिष्ट GE-414 INS6 इंजन LCA (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) मार्क II को पावर देगा, जिसका निर्माण अगले साल की शुरुआत में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा शुरू किया जाएगा.


अमेरिका करेगा टेक्नोलॉजी ट्रांसफर


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, GE-414 इंजन का निर्माण शर्तों के तहत किया जाएगा, जिसमें 100% प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण शामिल है. ये फैसला NSA अजीत डोभाल की अमेरिका यात्रा के दौरान ही लिया गया. अमेरिका में डोभाल ने अमेरिकी NSA जेक सुलिवन के साथ "क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज" पर द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया था. इस बातचीत में रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार सतीश रेड्डी, डीआरडीओ प्रमुख समीर वी कामत, प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार अजय सूद और सचिव (दूरसंचार) के राजाराम मौजूद रहे.


GE-414 के भारत में निर्माण को लेकर कहां से शुरू हुई बात?


रिपोर्ट के मुताबिक, GE-414 इंजनों के 100% स्थानीय निर्माण के लिए बातचीत तब शुरू हुई जब DRDO के प्रमुख सतीश रेड्डी ने NSA डोभाल के निर्देशों के तहत मई 2022 में अमेरिका का दौरा किया था. उन्होंने अनुसंधान और इंजीनियरिंग के लिए अमेरिकी अंडर सेक्रेटरी सचिव हेइडी श्यू और उनके सहयोगी टेरी एम्मर्ट से मुलाकात की थी.


क्या है GE-414 इंजन की खासियत?


GE-404 इंजन 4+ जनरेशन के LCA तेजस मार्क I विमान को शक्ति प्रदान करता है. वहीं GE-414 इंजन 4.5 जनरेशन के मार्क II तेजस को शक्ति प्रदान करेगा, जो लगभग 6.5 टन मिसाइल और गोला-बारूद ले जाएगा.  भारत अब वायु सेना के लिए मार्क II विमान के 6 से अधिक स्क्वाड्रन (प्रत्येक स्क्वाड्रन में 18 विमान) का उत्पादन करने की योजना बना रहा है और इच्छुक देशों को लड़ाकू विमान एक्सपोर्ट भी करेगा.


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