लोक गायिका गीता रबारी ने कहा- बचपन में पीएम मोदी ने 250 रुपए इनाम और निरंतर अभ्यास का दिया था मंत्र
गुजरात की प्रसिद्ध लोक गायिका गीता रबारी ने संसद में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद एक गाना उन्हें समर्पित किया. संसद में ही मीडिया को उन्होंने यह गाना गाकर भी सुनाया. गीता रबारी ने कहा कि उन्होंने यह गाना साल 2017 में बनाया था जिसे यूट्यूब पर 25 करोड़ के करीब व्यूज भी मिल चुके हैं.
नई दिल्ली: गुजराती लोक गायिका गीता रबारी संसद में पीएम नरेंद्र मोदी से मिलीं और एक गीत उनको समर्पित किया. इस मुलाकात की तस्वीर पीएम मोदी ने भई शेयर की है. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, '' गीता रबारी जैसे लोग हमारे समाज के लिए प्रेरणा हैं. एक अच्छी पृष्ठभूमि से आने के बाद गीता ने अपना काम जारी रखा और अपने काम में आज अग्रणी हैं. गुजराती लोकसंगीत के लिए गीता का काम उल्लेखनीय है, उन्होंने गुजराती संगीत को युवाओं में लोकप्रिय करने का काम किया है. मैं उनसे प्रभावित हूं. उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं.''
People like Geeta Rabari inspire our society. Belonging to a humble background, she dedicatedly pursued her passion of singing and excelled. I am deeply impressed by her efforts to popularise Gujarati folk music among youngsters. Best wishes for her future endeavours. pic.twitter.com/UF59HwPsPd
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2019
वहीं देश के प्रधानमंत्री से मिलने के बाद गीता ने कहा, '' मैंने एक बार बचपन में भी पीएम नरेंद्र मोदी को स्कूल के एक कार्यक्रम में गाना सुनाया था. गीत सुनने के बाद उन्होंने मुजे 250 रुपए बतौर ईनाम में दिए थे.'' गीता ने यह भी बताया कि पीएम मोदी ने उस वक्त गीता से कहा था कि वे अपनी गायकी का निरंतर अभ्यास करती रहें. बचपन में गीता को पीएम मोदी से प्रेरणा मिली और उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
Gujarati folk singer Geeta Rabari after meeting PM: I 1st met him when I was a child. I sang in school, he awarded me Rs 250&asked me to keep practicing. We're Maldhari ppl who live in jungle, my father received a post card of "Beti Bachao, Beti Padhao", then he sent me to school pic.twitter.com/IrZIRhn5xa
— ANI (@ANI) July 8, 2019
गुजराती लोक गायिका गीता रबारी ने कहा कि वे मालदारी समुदाय से ताल्लुक रखती है. इस समुदाय के लोग राज्य के जंगली इलाकों में पाए जाते हैं. गीता रबारी ने आगे कहा कि उनके पिता ने उन्हें बचपन में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहीम के तहत स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा था. अब इस प्रोजेक्ट को वह आगे बढ़ाएंगी.
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