48 BJP नेताओं पर दर्ज 10 साल पुराना केस वापस लेगी गहलोत सरकार, BJP विधायक चन्द्रकांता मेघवाल समेत ये नेता शामिल
Political Harmony: राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के पांच दर्जन से ज़्यादा राजनेताओं के ख़िलाफ़ दर्ज दस साल से ज़्यादा पुराने राजनीतिक मामले वापस लेने का फ़ैसला किया है.
Political Harmony: दल भले अलग-अलग हो मगर राजनेताओं में स्थायी दुश्मनी कभी नहीं होती. राजनीति से इतर अंदरखाने सभी दलों के नेताओं में पारस्परिक सोहार्द अक्सर देखने को मिल जाता है. ऐसा ही एक मामला राजस्थान (Rajasthan) में सामने आया है. राज्य की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Gvernment) ने प्रदेश के पांच दर्जन से ज़्यादा राजनेताओं के ख़िलाफ़ दर्ज दस साल से ज़्यादा पुराने राजनीतिक मामले वापस लेने का फ़ैसला किया है. सरकार की सदाश्यता देखिए इनमे से चार दर्जन मामले BJP नेताओं के ख़िलाफ़ है.
पुरानी कहावत है आप मेरी पीठ खुजला दीजिए और मैं आपकी. लगता है राजस्थान की कांग्रेसी सरकार भी इसी आधार पर काम कर रही है. धरने-प्रदर्शन, रास्ता रोकने और सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने के दस साल से ज़्यादा पुराने मामले अब सरकार वापस लेने जा रही है. बीजेपी के क़रीब 48 ऐसे नेता है जिनके ख़िलाफ़ ऐसे मामले है. इनमें लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला समेत BJP विधायक चन्द्रकांता मेघवाल, पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और पूर्व विधायक अनिल जैन शामिल है. भवानी सिंह के ख़िलाफ़ तो खुद कांग्रेसी सरकार ने ही साल 2012 में केस दर्ज करवाया था जिसे अब वापस लेने की तैयारी है.
राजस्थान सरकार ने चाही हाई कोर्ट से मंज़ूरी
ऐसे मामलों को वापस लेने के लिए राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने हाई कोर्ट से मंज़ूरी चाही है. दरअसल साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया था कि सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ दर्ज मामलों की वापसी के लिए सम्बंधित हाई कोर्ट से अनुमति लेनी ज़रूरी होगी.
विधायकों के ख़िलाफ़ कुल 64 मुक़द्दमे दर्ज
इस आदेश के कारण सरकार ने हाईकोर्ट से ऐसे मामलों की वापसी की मंज़ूरी मांगी है. राजस्थान में दिसंबर 2021 तक सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ कुल 64 मुक़द्दमे दर्ज थे. इनमें से कुल 36 मामलों में तो चालान तक पेश हो चुके है. पूरे देश में इस तरह के मामलों में हाई कोर्ट से मंज़ूरी लेने का देश भर में ये पहला मामला है. देश में सांसद और विधायकों के ख़िलाफ़ दर्ज ऐसे मामलों की संख्या क़रीब पांच हज़ार है.