नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि अगर उसने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के सीमा विवाद का फायदा उठाने की कोशिश की तो उसे अपने किसी भी दुस्साहस के लिए "भारी नुकसान" उठाना पड़ सकता है. अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी फोरम के संवाद सत्र में जनरल रावत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को चीन की आर्थिक मदद और इस्लामाबाद को सैन्य, आर्थिक और कूटनीतिक समर्थन के सुरक्षा निहितार्थों पर भी बात रखी.
सीडीएस ने कहा कि पाकिस्तान चीन से भारत के सीमा विवाद का फायदा उठा सकता है और दिल्ली के लिए कुछ परेशानियां पैदा कर सकता है, मगर ऐसे परिदृश्य से निपटने के लिए रणनीति बनाई गई है. उन्होंने कहा, "हमारी उत्तरी सीमाओं के आसपास कोई खतरा बनता है तो पाकिस्तान उसका लाभ उठा सकता है और हमारे लिए कुछ परेशानियां पैदा कर सकता है."
"पाक को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है"
जनरल रावत ने कहा, "लिहाजा हमने यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त एहतियाती उपाय किए हैं कि अगर पाकिस्तान इस तरह का कोई दुस्साहस करे तो वे अपने मिशन में कामयाब नहीं हो. असल में, अगर वे कोई दुस्साहस करते हैं तो उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है."
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ छद्म युद्ध में शामिल है और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी भेज रहा है. पाकिस्तान ने भारत के अन्य हिस्सों में भी आतंकवाद को फैलाने की कोशिश की है.
"पाक ने भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा दिया"
भारत पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार के आतंकवाद से निपटने के लिए सख्त दृष्टिकोण अपनाता रहा है. जनरल रावत ने कहा, "पाकिस्तान के छद्म युद्ध ने क्षेत्रीय एकता के भारत के प्रयास को बाधित करने के साथ-साथ भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा दिया है और हमारी अलग-अलग विसंगितियों का फायदा उठाया है."
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मियों के जान गंवाने के बाद भारत के जंगी विमानों ने पिछले साल फरवरी में पाकिस्तान के अंदर आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया था.
जनरल रावत ने कहा कि चीन की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तान के साथ आर्थिक सहयोग और उसे सैन्य सहायता जारी रखने के कारण हमारे लिए उच्च स्तर की तैयारी रखना आवश्यक हो गया है. उन्होंने कहा कि इससे उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर समन्वित कार्रवाई का खतरा है, जिसे लेकर हमें अपनी रक्षा योजना पर विचार करना होगा."
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