मायावती, तेजस्वी और रामगोपाल ने OBC आरक्षण बढ़ाने की मांग की, DMK ने सवर्ण आरक्षण का विरोध किया
General Category Reservation: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती ने मौजूदा समय में एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग को मिलने वाले करीब 50 फीसदी आरक्षण के कोटे के दायरे को बढ़ाने की मांग की.
नई दिल्ली: आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के केंद्र के फैसले पर सियासी संग्राम शुरू हो गया है. कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और आप समेत अन्य पार्टियां सधी हुई बयानबाजी कर रही है तो वहीं तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी डीएमके ने खुलकर सवर्ण आरक्षण का विरोध किया है.
इसी बहाने उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (एसपी) ने पिछड़ों के लिए आरक्षण प्रतिशत बढ़ाए जाने की मांग की है. झारखंड की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने आदिवासियों के लिए आरक्षण और अधिक देने की मांग छेड़ दी.
इन सब के बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने आरक्षण से संबंधित संविधान (124 वां संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया. विधेयक पेश किये जाने के दौरान समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्य अपनी बात रखना चाह रहे थे लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी अनुमति नहीं दी.
अपनी आपत्ति के बारे में समाजवादी पार्टी (सपा) नेता रामगोपाल यादव ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, ''ये जो बिल है अपर कास्ट (ऊंची जाति) के गरीब लोगों के आरक्षण के लिए है, हम इसका समर्थन करते हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जो सीमा लगाई है उससे ये लगता है कि अगर कोई कोर्ट चला जाएगा तो कोर्ट इसे रद्द कर देगा. जब वीपी सिंह ने पिछड़ों के लिए आरक्षण की घोषणा की थी तो आरक्षण को 50 फीसदी के अंदर ही रखा था. अब अगर सरकार 50 फीसदी की सीमा को तोड़ रही है तो पिछड़ों के लिए आरक्षण 54% किया जाए.''
गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने वाला बिल लोकसभा में पेश, शाम 5 बजे से चर्चा
जेएमएम झारखंड के पूर्व सीएम और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि केंद्र सरकार अगर सवर्णों के प्रति इतनी गंभीर है तो केंद्र को आदिवासियों के प्रति भी सहानभूति दिखानी चाहिए और झारखंड के मूलवासी और पिछड़ी जातियों को 27 प्रतिशत आरक्षण देना चाहिए. जनसंख्या के आधार पर अभी राज्य में आदिवासियों की आरक्षण की प्रतिशत 26 है उसे 28 प्रतिशत किया जाना चाहिए.
आरजेडी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी पिछड़ों के आरक्षण को बढ़ाए जाने की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''अगर 15 फ़ीसदी आबादी को 10% आरक्षण तो फिर 85 फ़ीसदी आबादी को 90% आरक्षण हर हाल में मिलना चाहिए. 10% आरक्षण किस आयोग और सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर दिया जा रहा है? सरकार विस्तार से बतायें.''
डीएमके द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के फैसले का विरोध किया है. डीएमके अध्यक्ष स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री पलानीसामी इसके खिलाफ विधानसभा में विधेयक लाएं. केंद्र की मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है.
बीएसपी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती ने भी सवर्ण आरक्षण का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस फैसले का समर्थन करती है और संसद में पेश किए जाने वाले संविधान संशोधन बिल का समर्थन करेगी. इसके साथ ही मायावती ने मौजूदा समय में एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग को मिलने वाले करीब 50 फीसदी आरक्षण के कोटे के दायरे को बढ़ाने की मांग की.
केंद्र सरकार ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को सोमवार को मंजूरी दी. यह कोटा मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा. सामान्य वर्ग को अभी आरक्षण हासिल नहीं है. समझा जाता है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा, जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है . आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम होगी और 5 एकड़ तक जमीन होगी.