Neeraj Chopra Meets Army Chief: थलसेना प्रमुख प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड विजेता और सेना में सुबेदार नीरज चोपड़ा से मुलाकात की. सेना प्रमुख ने नीरज चोपड़ा को उनकी उपलब्धि पर बधाई दी. इस मुलाकात के दौरान नीरज चोपड़ा के माता-पिता भी मौजूद थे. उन्होंने नीरज चोपड़ा के माता-पिता को भी बेटे की उपलब्धि पर बधाई दी.


बता दें कि भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को ओलंपिक में पहले एथलेटिक्स स्वर्ण पदक पाने के भारत के इंतजार को खत्म करके इतिहास रचने को लेकर भारतीय सेना में प्रोन्नति मिलने की संभावना है. भारतीय सेना में चार राजपूताना राइफल्स के सूबेदार चोपड़ा को उनकी शानदार खेलकूद प्रतिभा को लेकर प्रतिष्ठित विशिष्ठ सेवा पदक प्रदान किया गया है. हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव के एक किसान के बेटे 23 साल के नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंककर दुनिया को स्तब्ध कर दिया और भारतीयों को जश्न में डुबा दिया. एथलेटिक्स में पिछले 100 वर्षों से अधिक समय में भारत का यह पहला ओलंपिक पदक है.






इस मुलाकात की तस्वीर का एक और भी पहलू है. दरसअल, थलसेना प्रमुख और नीरज चोपड़ा जब कैमरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे, उनके ठीक पीछे दीवार पर टंगी एक तस्वीर भारत की एक और विजयगाथा को बयान कर रही थी. तस्वीर साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध की है. इस लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी. तस्वीर में पाकिस्तान की सेना भारत के सामने हार स्वीकार करती दिखाई दे रही है और पाकिस्तान के जनरल नियाजी पेपर पर दस्तखत कर रहे हैं. ये लड़ाई 3 दिसंबर से 16 दिसंबर यानी 13 दिनों तक चली थी.


उधर, सेना में संबधित विषय के जानकारों ने बताया कि सूबेदार नीरज चोपड़ा को टोक्यो ओलंपिक्स में उनके शानदार प्रदर्शन को लेकर निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं के तहत प्रोन्नति मिलेगी. रक्षा मंत्री एवं सशस्त्र बलों ने इन सैन्यकर्मी की यह कहते हुए तारीफ की थी कि उन्होंने ‘सच्चे सैनिक’ की भांति प्रदर्शन करके देश को गौरवान्वित किया है. नीरज चोपड़ा, 15 मई, 2016 को नायब सूबेदार के तौर पर चार राजपूताना राइफल्स में शामिल हुए थे.


भारतीय सेना के ‘मिशन ओलंपिक विंग’ के तहत 450 से अधिक सीनियर खिलाड़ी फिलहाल ट्रेनिंग कर रहे हैं. वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. मई 2016 में सेना से जुड़ने के बाद भाला फेंक के खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को मिशन ओलंपिक विंग के तहत ट्रेनिंग करने के लिए चुना गया. मिशन ओलंपिक विंग भारतीय सेना की पहल है जिसमें 11 खेलों के प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान करने के अलावा उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए ट्रेनिंग दी जाती है.


Neeraj Chopra कभी भाला फेंक के बारे में जानते तक नहीं थे, फिर कैसे बने 'सर्वश्रेष्ठ' एथलीट?