देश के नए थल सेना प्रमुख बने मनोज मुकुंद नरवाणे, जनरल बिपिन रावत ने सौंपी कमान
सर्विस रूल्स के मुताबिक, सेनाध्यक्ष तीन साल या 62 साल की उम्र तक अपने पद पर बना रह सकता है, जबकि तीन स्टार प्राप्त जनरल (लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल) 60 साल की उम्र होने पर रिटायर हो जाते हैं.
नई दिल्ली: देश के नए थल सेना प्रमुख के रूप में आज जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने कमान संभाल ली है. पूर्व सेना प्रमुख बिपिन रावत ने उन्हें सेना की कमान सौंप दी है. एम एन नरवाणे देश के 28वें सेना प्रमुख होंगे और अगले तीन साल तक इस पद पर बने रहेंगे. नरवाणे 59 साल के हैं. वहीं जनरल बिपिन रावत 65 साल की उम्र तक देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस होंगे.
नरवाणे आतंक विरोधी अभियानों और चीन मामलों के एक्सपर्ट
एमएम नरवाणे सेना में शौर्य और समर्पण के लिए, परम विशिष्ठ सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ठ सेवा मेडल से सम्मानित हैं. 39 साल की गौरवमयी सेवा के बाद मनोज मुकुंद नरवाणे आज भारतीय थल सेना के शिखर पर पहुंच गए हैं. जून 1980 में सिख लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट की सातवीं बटालियन से नौकरी की शुरुआत करने वाले नरवाणे को आतंक विरोधी अभियानों और चीन मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है.
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BREAKING NEWS: नए सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवाणे ने संभाला पदभार, आज रिटायर हुए जनरल बिपिन रावत ने नए सेना प्रमुख को कमान सौंपी. नए सेना प्रमुख का कार्यकाल तीन साल का होगा.
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डोकलाम-आतंकवा से निपटना बड़ी चुनौती
नरवाणे को पूर्वोत्तर भारत और जम्मू-कश्मीर के अशांत क्षेत्रों में काम करने का लंबा अनुभव है. ये श्रीलंका में लिट्टे के खिलाफ भारतीय सेना के ऑपरेशन पवन का भी हिस्सा रह चुके हैं. इन्होंने म्यामांर में भारत के डिफेंस अताचे के तौर पर काम किया है. आनेवाले वक्त में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और डोकलाम जैसी चीन की चालबाजियों से निपटना इनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.
सर्विस रूल्स के मुताबिक, सेनाध्यक्ष तीन साल या 62 साल की उम्र तक अपने पद पर बना रह सकता है, जबकि तीन स्टार प्राप्त जनरल (लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल) 60 साल की उम्र होने पर रिटायर हो जाते हैं.
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