नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना के आंकड़ों का ग्राफ धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. इस बीच दिल्ली से एक और राहत की खबर आई है. दिल्ली के लोक नायक अस्पताल (एलएनजेपी) में जनरल ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है. मार्च 2020 में कोरोना के मामले सामने आने के बाद LNJP हॉस्पिटल कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल बना दिया गया था. 2000 कोविड बेड की क्षमता के साथ LNJP देश का सबसे बड़ा पूर्ण रूप से कोरोना का इलाज करने वाला अस्पताल बन गया था. लेकिन कोरोना के मामलों की स्थिति बेहतर होने के चलते 9 महीने बाद अब अस्पताल प्रशासन की ओर से ओपीडी सेवाओं को एक बार फिर बहाल कर दिया गया है. मतलब अब अन्य बीमारियों से ग्रसित लोग भी डॉक्टर से परामर्श लेने यहां आ सकते हैं.


लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने ABP न्यूज से खास बातचीत में बताया कि आम दिनों में रोजाना 8,000 से 9,000 मरीज अलग-अलग डिपार्टमेंट में ओपीडी में दिखाने आया करते थे. 9 महीने बाद दोबारा ओपीडी सेवा शुरू की गई है लेकिन कोरोना के मद्देनजर कई सावधानियां भी रखी गई हैं. इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि एक बार में किसी भी विभाग में ओवर-क्राउडिंग न हो. साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है.


50 लोगों की ही अनुमति


कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में ओपीडी में भीड़भाड़ न हो इसलिए अस्पताल में एक विभाग में एक दिन में देखे जाने वाले मरीजों की संख्या सीमित कर दी गई है. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि अभी सभी विभागों की ओपीडी में हर दिन 50 मरीजों का ही रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. यहां एक समय पर मरीजों की ज्यादा भीड़ न हो, इसके लिए इनमें से 25 मरीजों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा है. लोगों के बैठने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के तहत एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था की गई है. जमीन पर भी जगह-जगह सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मार्किंग की गई है.





ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि अभी ओपीडी सेवाएं सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक के लिए शुरू की गईं हैं. कोरोना के हालातों को देखते हुए पहली बार अस्पताल प्रशासन ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू की है. अस्पताल की वेबसाइट पर मरीज ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर आ सकते हैं. इससे उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहले पहुंचने वाले 25 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है और बाकी को अगले दिन की डेट दी जा रही है. अन्य 25 मरीज ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाले होते हैं.

रैपिड टेस्ट

एक अहम बदलाव ये है कि ओपीडी में आने से पहले सभी मरीजों का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाएगा. कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही मरीजों को ओपीडी में जाने की इजाजत है. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि जिसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उसे इसी अस्पताल के कोविड फैसिलिटी में भेज दिया जाता है. ऐसा करना इसलिए जरूरी है ताकि जनरल ओपीडी में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति ना पहुंच जाए.

स्वास्थ्यकर्मियों के लिए है विशेष इंतजाम

ओपीडी में काम करने वाले डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. डॉक्टर्स चैम्बर में मरीजों और डॉक्टर्स के बीच दूरी बनाए रखने के लिए ग्लास पार्टीशन की व्यवस्था की गई है. मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट और अन्य सेफ्टी गियर्स भी दिए गए हैं. डॉ. सुरेश कुमार के मुताबिक अस्पताल में मरीजों को ज्यादा घूमना न पड़े, इसके लिए सभी विभागों की ओपीडी में ही टेस्ट की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि कोरोना के मद्देनजर हालात जल्द ठीक होंगे और ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से पटरी पर लौटेंगी.




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