(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
भारत दौरे पर आईं एंजेला मर्केल ने कहा- कश्मीर में मौजूदा स्थिति ‘स्थायी नहीं’, इसे बदले जाने की जरूरत
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एलान के बाद से कश्मीर के कई हिस्सों में प्रतिबंध लागू हैं. इस बीच जर्मनी की चांसलर ने एंजेला मर्केल ने कहा है कि कश्मीर में मौजूदा स्थिति ‘स्थायी नहीं’ है, निश्वित ही इसे बदले जाने की जरूरत है.
नई दिल्ली: भारत की दो दिवसीय दौरे पर आईं जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा है कि कश्मीर में मौजूदा स्थिति ‘स्थायी नहीं’ है और निश्चित ही इसे बदलने की आवश्यकता है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मर्केल ने शुक्रवार को पांचवें भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विमर्श (आईजीसी) की सह-अध्यक्षता की.
पाकिस्तान को संदेश
पीएम मोदी और एंजेला मर्केल ने अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान को संदेश देते हुए सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि उनकी सरजमीं का इस्तेमाल अन्य देशों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में न किया जाए. पीएम मोदी ने मर्केल के साथ संयुक्त मीडिया सम्मेलन में एक बयान में कहा, ‘‘हम आतंकवाद और चरमपंथ जैसे खतरों से निपटने के लिये द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग मजबूत करेंगे.’’
हालांकि, आईजीसी के दौरान कश्मीर स्थिति पर चर्चा नहीं की गई और सूत्रों के अनुसार, मर्केल को ‘विशेष बैठक’ के दौरान जम्मू कश्मीर पर मोदी की योजनाओं से अवगत होने का मौका मिल सकता है. जर्मन सूत्रों ने मर्केल के हवाले से कहा, ‘‘चूंकि इस समय कश्मीर में स्थिति स्थायी और अच्छी नहीं है तो इसे निश्चित तौर पर बदलने की आवश्यकता है.’’
जर्मन चांसलर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब अमेरिका समेत कुछ विदेशी सांसदों ने अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के लिए अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद सरकार द्वारा लगायी पाबंदियों पर चिंता जतायी है.
बता दें कि पांच अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था. पिछले दिनों 23 यूरोपीय सांसदों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था और कश्मीर की स्थिति का जायजा लिया था. 23 सांसदों में जर्मनी के भी सांसद थे.
इस बीच, प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद मोदी और मर्केल ने शुक्रवार शाम को प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर दोनों पक्षों के चुनिंदा मंत्रियों और अधिकारियों की मौजूदगी में मुलाकात की. बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल तथा विदेश सचिव विजय गोखले ने भाग लिया.
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