नई दिल्ली: जर्मनी के बड़े औद्योगिक राज्य बाडन-वुटमबर्ग ने चीन और पाकिस्तान के बड़े जासूसी और तकनीकी चोरी के प्लान का खुलासा किया है. इस जर्मन सूबे के संविधान संरक्षण कार्यालय की ताज़ा रिपोर्ट ने चीन के व्यापक औद्योगिक जासूसी अभियान और नाभिकीय हथियार जखीरा बढ़ाने के लिए पाकिस्तान के ड्युअल यूज़ तकनीक हासिल करने की कोशिशों को उजागर किया है.
मर्सेडीज,पोर्श जैसी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों और बोश जैसी भारी मशीनरी बनाने वाली कंपनियों के मुख्यालय वाले जर्मन राज्य ने चीन की तरफ से उच्च तकनीक हासिल करने की कोशिशों को लेकर आगाह किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक चीन जिन उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक को सीधे तरीक़े से नहीं हासिल कर पा रहा है. उसके लिए बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी हासिल करने, उन्हें खरीदने और अपने लोगों को उन कंपनियों में पहुंचाने के एक सोचे समझे प्लान पर काम कर रहा है.
जर्मन रिपोर्ट ने चीन के 'थाउजेंड टेलेंट प्लान' का हवाला देते हुए कहा है कि इसके तहत चीन जहां विदेशों में बसे आर्थिक रूप से सक्षम चीनी नागरिकों का इस्तेमाल करता है. वहीं रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले चीनी और गैर चीनी मूल के पेशेवरों को भी अपने औजारों की तरह इस्तेमाल कर रहा है. इस कड़ी में क़ई वैज्ञानिक, शोधकर्ता और विश्वविद्यालय प्रबंधक नज़र में आए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार अपने लिए काम करने वाले संभावित लोगों की तलाश के लिए चीन के डिप्लोमेट शोध संस्थाओं के कार्यक्रम में जाते हैं. चिह्नित लोगों को बाद में चीन आने का निमंत्रण दिया जाता है. उच्च तकनीक के क्षेत्र में माहिर पेशेवर इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी हासिल करने और विकसित करने में चीन की मदद करते हैं. इतना ही नहीं इस जर्मन आकलन रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी में चीन जिन क्षेत्रों में तकनीक हासिल करने की तैयारी कर रहा है उसमें ऑटोमोबाइल, परिवहन, डेटा प्रोसेसिंग आदि शामिल हैं.
इसके अलावा जर्मन रिपोर्ट ने रणीनितिक मास्टरप्लान 'मेड इन चाइना 2025' का भी हवाला दिया है. इसके तहत चीन अगले पांच सालों में खुद को अहम औद्योगिक उत्पादों और उच्च श्रेणी की तकनीक में लीडर बनाने में जुटा है. गौरतलब है कि चीन 500 अति महत्वपूर्ण औद्योगिक उत्पादों में से 200 का आपूर्तिकर्ता बन गया है. उसकी कोशिश भविष्य में खुद को हाई एंड तकनीक का लीडर बनाने और अपने पर वैश्विक निर्भरता बढ़ाने की है.
जर्मन राज्य की रिपोर्ट चीन ही नहीं उसके दोस्त पाकिस्तान की भी करतूतों का खुलासा करती है. साल 2019 के लिए पेश इस आकलन रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान अपने नाभिकीय हथियार जखीरे को बढ़ाने और मजबूत करने में जुटा है. इसके लिए पाकिस्तान एक बार फिर उसी तरीके का इस्तामाल कर रहा है जिसके जरिए कुख्यात एक्यू खान नेटवर्क ने यूरोप से नाभिकीय तकनीक चुराई थी. जर्मन रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान अपने शोधकर्ताओं को दोहरे इस्तेमाल वाली तकनीकों पर काम करने के लिए जर्मन शोध प्रयोगशालाओं और विश्वविद्यालयों में भेज रहा है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान ही नहीं उत्तर कोरिया, ईरान और लीबिया को परमाणु तकनीक उपलब्ध करवाने वाले ए क्यू खान ने भी नीदरलैंड्स में बरसों तक मेटलर्जी वैज्ञानिक की तरह काम किया था. वहीं यूरोपीय कंपनी योरेन्को में काम करते हुए खान ने परमाणु रिएक्टर का डिजाइन हासिल किया था और फिर उसे पाकिस्तान को मुहैया करवाया था.
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