नई दिल्ली: अगर आप पिछली बार नीला चांद यानी ब्लू सुपरमून का दीदार नहीं कर पाए थे तो आपके 31 जनवरी को आखिरी मौका होगा. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक इस महीने के आखिर में एक बार फिर नीला चांद यानी सुपर ब्लूमून दिखेगा. इससे पहले तीन दिसंबर 2017 और एक जनवरी 2018 को काफी नजदीक से नीला चांद दिखा था. सुपरमून की झलक की इस तिकड़ी में यह इस साल का आखिरी मौका है.
इससे पहले एशिया में पिछली बार ब्लू मून या सुपरमून 30 दिसंबर 1982 देखा गया था.
इसे 'ब्लड मून' या 'कॉपर मून' क्यों कहा जाता है?
इस आकाशीय घटना के दौरान हालांकि, चंद्रमा पृथ्वी की छाया से पूरी तरह ढक ली जाती है, मगर पृथ्वी के बाहरी वायुमंडल से गुजरने वाले सूर्य के प्रकाश अपने अलग अलग कंपोनेंट्स वाले रंगों में टूट जाते हैं. यही कंपोनेंट्स बाहरी वायुमंडल में अपनी यात्रा चंद्रमा की सतह तक पूरा करता है. जिससे चंद्रमा के रंग में लालिमा आ जाती है. लाल कॉपर के रंगों से मिलते-जुलते रंग को ग्रहण करने के कारण चंद्रमा को 'ब्लड मून' या 'कॉपर मून' भी कहते हैं.
'ब्लड मून' या 'कॉपर मून' के अलावा इसे 'ब्लू मून' भी क्यों कहा जाता है?
सुपरमून एक आकाशीय घटना है जिसमें चांद अपनी कक्षा में धरती के सबसे करीब होता है और पूरे चांद को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. 31 जनवरी को होने वाली पूर्णिमा की तीन खासियत है. पहली यह कि यह सुपरमून की एक सीरीज में तीसरा मौका है जब चांद, धरती के नजदीकी दूरी पर होगा. दूसरी यह कि इस दिन चांद सामान्य से 14 फीसदा ज्यादा चमकीला दिखेगा. तीसरी बात यह कि एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा होगी, ऐसी घटना आमतौर पर ढ़ाई साल बाद होती है.
किस वक्त भारतीय हो सकते हैं नीले चांद से रू-ब-रू
भारतीय समयानुसार ग्रहण शाम 5:18 मिनट के आस-पास शुरू होगा. ग्रहण शाम 6:21 तक चलेगा. इसके बाद कुल ग्रहण धीरे-धीरे समाप्त होता जायेगा और चंद्रमा धीरे-धीरे पृथ्वी की छाया से बाहर आता जाएगा. आंशिक ग्रहण भी लगभग रात 8:41 बजे समाप्त जाएगा. इस ग्रहण की अवधि लगभग 1 घंटे और 16 मिनट तक होगी.
अन्य देशों में कब देखा जा सकेगा यह नजारा
पूरे उत्तरी अमेरिका, प्रशांत क्षेत्र से लेकर पूर्वी एशिया में इस दिन पूर्ण चंद्रग्रहण दिखेगा. अमेरिका, अलास्का, हवाई द्वीप के लोग 31 जनवरी को सूर्योदय से पहले चंद्र ग्रहण देख पाएंगे जबकि मध्य पूर्व के देश समेत एशिया, रूस के पूर्वी भाग, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में सुपर ब्लू ब्लडमून 31 जनवरी को सुबह चंद्रोदय के दौरान लोग देख पाएंगे.
दिसंबर में हुई पूर्णिमा के चांद को कोल्ड मून कहा जाता है और 2017 में यह पहला सुपरमून था जिसका लोगों ने दीदार किया. चांद का आकार सामान्य से सात फीसदी बड़ा लग रहा था और यह सामान्य से 15 फीसदी ज्यादा चकमीला था.