Ghatkopar Hoarding Case: मुंबई के घाटकोपर होर्डिंग हादसे के करीब 40 दिन बीत जाने के बाद भी पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल पाया है. होर्डिंग लगाने की इजाजत देने वाले बीएमसी और अन्य विभाग के अधिकारियों पर ना तो अबतक कोई जवाबदेही तय हुई है और ना ही उनपर अभी तक गाज गिरी है. तो ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या सिर्फ ईगो मीडिया के मालिक भावेश भिंडे पर की गई करवाई काफी है?


घाटकोपर हादसे के करीब 40 दिन भी जाने के बाद भी अगर रेलवे और बीएमसी के पास अबतक की करवाई को लेकर कोई जवाब नही है तो क्या ये मान लिया जाए कि दोनों अपने अधिकारियों को बचाने की कोशिश मे लगे है? दरअसल, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने आरटीआई के जरिए घाटकोपर होर्डिंग हादसे मामले में अबतक बीएमसी और जीआरपी के अधिकारियों के खिलाफ क्या करवाई की गई है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए बीएमसी और गवर्नमेंट रेलवे पुलिस से जानकारी मांगी थी.


BMC के रिकॉर्ड में नहीं है कोई जानकारी 


आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को जवाब देते हुए बीएमसी ने ये कहा कि संबंधित मामले में अब तक बीएमसी के रिकॉर्ड में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. वहीं, दूसरी ओर जीआरपी के तरफ़ से आरटीआई के जवाब में कहा गया कि उनके पास इस मामले में शून्य जानकारी है. 


BMC और GRP के अधिकारियों की है मिलीभगत


आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान बताया कि घाटकोपर हादसा लापरवाही और मिलीभगत का सबसे बड़ा उदाहरण है. बीएमसी और जीआरपी के अधिकारी इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं. शहर में किसी भी प्रकार की होर्डिंग लगाने से पहले बीएमसी से लाइसेंस लेना पड़ता है. ऐसे में महानगरपालिका ने सिर्फ जीआरपी को नोटिस देकर अपने दायित्व से पीछा छुड़ाने का काम किया है.


होर्डिंग लगाने की मियाद 10 साल से बढ़ा कर की गई 30 साल


वहीं,  दूसरी और जीआरपी ने महानगरपालिका से सभी तरह के जरूरी परमिशन नहीं लिया. उन्होंने कहा कि जीआरपी के काम मे कई लूप होल है. वहीं, होर्डिंग लगाने की मियाद 10 साल से बढ़ा कर 30 साल की गई. होर्डिंग के साइज के मामले में मनमानी की गई. ऐसे कई तरह की गलती जीआरपी के तरफ से की गई है. इस बीच तत्कालीन जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद पर भी कई गंभीर आरोप लगे हैं. उनके पत्नी के अकाउंट में ईगो मीडिया से आर्थिक लेनदेन की बात सामने आई है. सभी की जांच होनी चाहिए.


किरीट सोमैया ने देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिख कमिश्नर को सस्पेंड की मांग


बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सौमैया ने तत्कालीन जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद पर गंभीर आरोप लगाते हुए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से उन्हें तत्काल सस्पेंड करने की मांग की है. किरीट सोमैया ने आरोप लगाया है कि कैसर ने ही वह होर्डिंग लगाने की इजाजत दी थी, जो पिछले महीने गिर गया था. उन्होंने दावा किया कि होर्डिंग वाली विज्ञापन कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे ने कैसर की पत्नी की कंपनी को 46 लाख रुपये की घूस दी थी.


 






जानें GRP कमिश्नर कैसर खालिद की पत्नी पर क्या आरोप है?


जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद की पत्नी पर आरोप है कि होर्डिंग के लिए परमिशन मिलने के बाद कतिथ तौर पर 10 अलग अलग बैंक एकाउंट में 46 लाख रुपये के लेनदेन के सबूत मिले है. पुलिस की जांच में पता चला है कि ये सभी बैंक एकाउंट एक ही शख्स का है, जिसका संबंध कैसर खालिद की पत्नी सुमना खालिद के साथ है. वहीं, पैसे लेने वाला शख्स अरशद खान कैसर खालिद की पत्नी की गारमेंट कंपनी में डायरेक्टर है.


अरशद खान कैसर खालिद की पत्नी सुमना खालिद के साथ महापारा गारमेंट्स कंपनी में निदेशक हैं. फिलहाल, पुलिस इन 46 लाख की जांच कर रही है.


घाटकोपर में होर्डिंग गिरने से 17 लोगों की मौत


बता दें कि घाटकोपर होर्डिंग हादसे मामले में 17 लोगो की मौत हो गई थी. वहीं, 70 से ज्यादा लोग इस हादसे में घायल हो गए थे. इस मामले में सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सभी होर्डिंग की जांच के आदेश दिए थे. बावजूद इसके अब करवाई के नाम पर लीपापोती की जा रही हैं.


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