गाजियाबाद: पत्रकार विक्रम जोशी के घर पसरा मातम, बहन ने कहा- सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए
गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी को बदमाशों ने सिर पर गोली मार दी थी. भांजी के साथ छेड़छाड़ के खिलाफ उन्होंने थाने में तहरीर दी थी.
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गाजियाबाद: पत्रकार विक्रम जोशी के घर मातम पसरा हुआ है. बड़ी बेटी रोये जा रही है. उसके छोटे भाई बहनों को समझ नहीं आ रहा है कि उनके पापा कहां गए. परिवार का मुखिया चला गया. पुलिस की लापरवाही ने एक बेकसूर परिवार उजाड़ दिया. दोनों बेटियां जो कि हत्या की गवाह हैं बताती हैं किस तरह घात लगाकर विक्रम जोशी की हत्या की गई.
छोटी बेटी ने कहा कि अचानक से गुंडों ने उनपर धावा बोल दिया. उसने कहा कि, "वो लोग गाड़ी के पीछे छुपे हुए थे और अचानक से आ करके हमें धकेल दिया. उसके बाद से फिर पापा को मारने लगे जिसके बाद मैं भागते हुए घर पर आई और घर पर बताया कि लोग पापा को मार रहे हैं. उसके बाद से सब उन्हें हॉस्पिटल लेकर गए."
बड़ी बेटी ने कहा, "वह लोग पहले से ही छुपे हुए थे. अचानक से ढकेल के मारने लगे. मैंने लोगों से मदद करने के लिए बोला था पर किसी ने मदद नहीं की. लोग वहां पर थे मगर देखते रहे. मैं सबसे बोलती रही कि मेरे पापा को बचा लो पर सब बस देखते रहे."
विक्रम जोशी की बहन ने कहा- सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए विक्रम जोशी की बहन ने कहा, "हमने विक्रम की पत्नी और अपनी मां को तो उस दिन बताया भी नहीं जिस दिन गोली लगी थी, अगले दिन सुबह हमने बताया. बात ज्यादा बिगड़ गई इसके बाद हमने मां और परिवार को बताया. भाई कभी भी झगड़े की बात घर में नहीं करता था. उन्होंने कहा कि चौकी इंचार्ज को केवल निलंबित करना काफी नहीं है. इससे अपराध और बढ़ेगा. खाली निलंबित होने से क्या होता है? जॉब तो वापस मिल जाना है. इस पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
सरकार को परिवार की सुरक्षा और देखभाल करनी होगी
जोशी की बहन ने कहा कि मीडिया ने हमारा बहुत सहयोग किया है. सरकार को परिवार की सुरक्षा और देखभाल करनी चाहिए. मगर सिर्फ दस लाख में क्या होगा? सरकार को आगे भी परिवार की देखरेख करनी होगी. जब बाइक गिरी थी तब छोटी वाली बेटी ही भागकर आयी. उस ने बताया कि बुआ पापा को मारा जा रहा है. पुलिस उसके बाद भी नहीं आई. हमने जैसे तैसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर के विक्रम को अस्पताल पहुंचाया. हम उसके बाद थाने भी गए. हमने वहां जाकर के दरोगा को बताया भी की पत्रकार विक्रम जोशी को गोली मार दी गई है. उसके बाद भी पुलिस प्रशासन नहीं जागा. अस्पताल जाने के बाद पुलिस एक्टिव हुई."
'पुलिस की तरफ से कार्रवाई नहीं की गई' भांजी, जिनकी छेड़खानी को लेकर विक्रम पुलिस के चक्कर काट रहे थे, वो इस वक्त सदमे में हैं. बार बार पुलिस से शिकायत की गई फिर भी इतना बड़ा कांड हो गया. और पुलिस देखती रही. वो बताती हैं कि उनके साथ जो भी होता रहा वह उन्होंने अपने मां-बाप को बताया था. जिसके बाद पुलिस में शिकायत की गई थी. मगर फिर भी पुलिस की तरफ से कार्रवाई नहीं की गई.
विक्रम जोशी की भांजी ने बताया, " हमने रिपोर्ट की थी तब भी. 2019 में होली वाले दिन यह मामला शुरू हुआ था जिसके बाद पुलिस वालों ने गुंडों को जेल भी भेज दिया था. मगर बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. बाद में 16 जुलाई को वह मेरे घर आए और गालियां देने लगे. मेरे भाई अभिषेक ने विरोध किया तो उन्होंने मारपीट भी की. 20 जुलाई को मामाजी यहां से जब घर जा रहे थे उन लोगों ने गोली मार दी. जेल जाने के बाद बाहर निकलने पर घर पर आकर के धमकी देते थे. जिन लोगों ने भी यह सब किया है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए. इससे ज्यादा मुझे नहीं पता. मैं घर से कम निकलती हूं. इसलिए मुझे नहीं पता है कि वह लोग क्या करते हैं. लेकिन मैं जब भी घर से निकलती थी, यह परेशान करना शुरू कर देते थे."
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