Farmers Protest: राकेश टिकैत बोले- गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन जारी है, रास्ता पुलिस ने बंद किया होगा
Farmers Protest: भाकियू नेता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि कुछ समय से यह अफवाह फैलाई जा रही है कि गाजीपुर बॉर्डर खाली किया जा रहा है. यह पूरी तरह निराधार है.
Farmers Protest: कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद गाजीपुर बॉर्डर से बैरिकेडिंग और टेंट हटा लिए. इसे लेकर कहा जा रहा था कि आंदोलन खत्म किया जा रहा है. इस पर भाकियू नेता धर्मेंद्र मलिक ने कहा, "कुछ समय से यह अफवाह फैलाई जा रही है कि गाजीपुर बॉर्डर खाली किया जा रहा है. यह पूरी तरह निराधार है. हम यह दिखा रहे हैं कि रास्ता किसानों ने नहीं दिल्ली पुलिस ने बंद किया है. गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलन हटाने का कोई निर्णय नहीं है."
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा, "रास्ता खोलना और आदमी हटना दोनों अलग-अलग चीजे हैं. रास्ते तो हमारे खुले हुए हैं. हमने अपनी गाड़ी बैरिकेडिंग तक लाकर दिखाई. बैरिकेडिंग पर गाड़ी जा सकती है. आगे रास्ता रोक रखा है. सरकार ने रास्ता रोक रखा है. जनता जहां जाएगी वहां जाएगी. जनता का रास्ता है. जनता के अपने काम हैं. पहले आप रास्ता तो खुलवाइए. किसान कहां जाएगा आगे बता देगा. किसान दिल्ली चला जाएगा. किसान पर क्या बैन लग रहा है कि दिल्ली नहीं जा सकता."
टिकैट ने कहा, "हमारी ट्रॉली जो यहां पर खड़ी थी हमने हटा दी, खाली कर दी. अब रास्ता आर-पार दिख रहा है. कुछ लोग आए उन्होंने यहां पर गाड़ी खड़ी कर दी. यह कह रहे हैं कि आगे बंद है. हमने कहा है कि जिसने बंद किया है उससे पूछो, हमारी तरफ से कोई बंद नहीं है. हमारा रास्ता साफ है, जिसको जहां जाना है जा सकता है."
26 जनवरी को लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने से जुड़े मामले पर टिकैट ने कहा, "जो मुद्दा हो गया उसे क्यों उखाड़ रहे हैं. क्या 26 जनवरी पर आप वहां थे. खाली पाइप पर एक झंडा लगाना उस पर क्या कानून बनता है और लेकर कौन गया? क्या लाल किले ने कोई कानून तय किया है? देश का लाल किला डालमिया के पास में है. डालमिया कोई मुकदमा करेगा उसको जवाब दे देंगे."
बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के लंबे समय से चल रहे आंदोलन से बंद रास्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी गुरुवार को टिप्पणी की. मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन सड़कों को अनिश्चित काल के लिए अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने सड़कें बंद किए जाने को लेकर किसान संगठनों से जवाब मांगा है. हालांकि, इसके लिए किसान संगठनों को समय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई 7 दिसंबर तक के लिए टाल दी.