Ghosi Bypoll Result 2023: किस जातीय फॉर्मूले ने घोसी में बीजेपी को हराया और सपा की हुई जीत? NDA को बड़ा संकेत
Ghosi Bypoll 2023: यूपी के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान की हार हुई है. उनके सपा से बीजेपी में आने और विधायकी से इस्तीफे के कारण ही इस सीट पर चुनाव हुआ है.
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Ghosi Bypoll Result 2023: उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधारकर सिंह से हार गए हैं. शुक्रवार (8 सितंबर) को जारी हुए नतीजे के अनुसार सुधाकर सिंह ने दारा सिंह चौहान को 42,759 वोटों से हरा दिया है.
सुधाकर सिंह को 1,24,427 वोट मिले, जबकि दारा सिंह चौहान के खाते में 81,668 वोट आए. आखिर किस जातीय फॉर्मूले के तहत बीजेपी इस सीट पर हारी और क्या घोषी चुनाव के नतीजे एनडीए के लिए बड़ा संकेत हैं, आइये जानते हैं.
घोसी विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण
यूपी के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मतदाताओं का दबदबा माना जाता है. इस सीट के अंतर्गत करीब 60,000 राजभर मतदाता, 40,000 यादव, 50,000 चौहान वोटर (जिन्हें नोनिया भी कहा जाता है) और करीब 60,000 दलित मतदाता आते हैं. वहीं, सीट पर करीब 90 हजार मुस्लिम वोटर भी हैं.
बीजेपी के हाथ से कैसे फिसल गई सीट?
सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह सामान्य वर्ग से आते हैं, जबकि बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान ओबीसी समुदाय से आते हैं. सपा का बेस वोट यादव और मुसलमान माने जाते हैं, जबकि इस सीट पर बीजेपी का बेस वोट चौहान, राजभर और निषाद हैं.
चूंकि उपचुनाव में कुल 10 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई, जिनमें दारा सिंह चौहान को छोड़कर तीन और चौहान प्रत्याशियों ने उपचुनाव लड़ा. दो मुस्लिम उम्मीदवार भी मैदान में उतरे. वहीं, चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोगों से अपील की थी कि वे मतदान से दूर रहें, वोट देना ही है तो 'नोटा' वाला बटन दबाएं.
चुनाव में नोटा का बटन भी काफी दबाया गया है. पांचवें नंबर पर नोटा रहा. नतीजों से अंदाजा लगता है कि जातीय समीकरण के हिसाब से बीजेपी को वोट नहीं मिला. वहीं, दर्जनभर के करीब उम्मीदवारों के उतरने से वोट उनमें बंटा भी है.
घोसी चुनाव के नतीजे NDA को क्यों हैं बड़ा संकेत?
सपा के सुधाकर सिंह घोसी उपचुनाव में बतौर 'इंडिया' गठबंधन के उम्मीदवार मैदान में थे. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को एनडीए बनाम इंडिया गठंधन के लिटमस टेस्ट के रूप में भी देखा जा रहा था. इंडिया गठबंधन के घटक दलों कांग्रेस, वाम दलों और आम आदमी पार्टी ने इस सीट से अपने उम्मीदवार नहीं उतारे और सुधाकर सिंह को समर्थन दिया. इन दलों ने विपक्षी एकता के तहत उनके लिए प्रचार भी किया था.
इस प्रकार सुधारकर सिंह के रूप में विपक्षी घटक दलों वाले इंडिया गठबंधन की इस सीट पर जीत हुई है, जो एनडीए के लिए एक बड़ा संकेत है. इंडिया गठबंधन को मिली इस सफलता से कयास लगाए जाने लगे हैं क्या कई विपक्षी पार्टियों का यह गुट 2024 में एनडीए को वाकई चुनौती देगा.
घोसी में इन 10 उम्मीदवारों ने आजमाई किस्मत
उपचुनाव में कुल 10 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई, जिनमें सपा से सुधाकर सिंह, बीजेपी से दारा सिंह चौहान, पीस पार्टी से सनाउल्लाह, जन अधिकार पार्टी से अफरोज आलम, निर्दलीय उम्मीदवार विनय कुमार, निर्दलीय उम्मीदवार प्रवेंद्र प्रताप सिंह, निर्दलीय उम्मीदवार रमेश पांडेय, जनता क्रांति पार्टी (राष्ट्रवादी) से मुन्निलाल चौहान, जन राज्य पार्टी से सुनील चौहान और आम जनता पार्टी (सोशलिस्ट) से राजकुमार चौहान मैदान में थे.
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