शिमला: कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसलों को 14वीं सदी के दिल्ली के विवादित शासक मोहम्मद बिन तुगलक के फैसलों सा बताया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने 2016 की नोटबंदी के कदम की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि मोदी ने अपने शासन में कई ‘तुगलकी फरमान’ जारी किए जिनके चलते आम जनता को परेशानी हुई.


आजाद ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मोदी ने 500 रुपये, 1,000 रुपये के नोट को नये नोटों से बदला जैसा तुगलक अपने शासन के दौरान कांसे और तांबे की मुद्रा जारी करता था.’’


तुगलक ने 14वीं सदी में दिल्ली की सल्तनत पर शासन किया था. उन्हें सल्तनत की राजधानी दिल्ली से दौलताबाद बदलने और गैर कीमती धातु की मुद्रा को शुरू करने जैसे विवादित फैसलों के लिये जाना जाता है.


जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मोदी ने नोटबंदी का फैसला ‘‘आरबीआई गवर्नर और मंत्रिमंडल की सलाह लिये बगैर’’ किया.


आजाद ने दावा किया कि नोटबंदी और गलत तरीके से लायी गयी जीएसटी से अर्थव्यवस्था पर, खास तौर पर लघु और मध्यम उद्योगों पर बुरा असर पड़ा. इसके चलते साढ़े चार करोड़ लोगों से रोजगार छिन गया.


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार की इस योजना से बीमा कंपनियों को 3,000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ जबकि महज 45 फीसदी किसानों को ही इस योजना के तहत बीमा कवर मिला.


उन्होंने कहा, ‘‘मैंने संसद में पूछा था कि क्या इस योजना को किसानों के लाभ के लिये शुरू किया गया है या बीमा कंपनियों के, लेकिन मोदी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया.’’


आजाद से जब पूछा गया कि क्या लोकतांत्रिक रूप से चुने प्रधानमंत्री की तुलना तुगलक से करना उचित है तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘मैंने मोदी की तुलना तुगलक से नहीं की है. मैंने बस यह कहा है कि मोदी तुगलक जैसे हैं.’’