Ghulam Nabi Azad On Congress: डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने बुधवार (5 अप्रैल) को अपनी आत्मकथा के विमोचन के मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला किया. आजाद ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अध्यादेश फाड़े जाने से मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) नाराज थे और पद छोड़ना चाहते थे. आजाद ने कहा कि अगर आज वो कानून रहता तो खुद राहुल गांधी की सदस्यता बची रहती.
आजाद ने आगे कहा कि राहुल राष्ट्रपति नहीं थे फिर भी उनके कारण अध्यादेश वापस लिया गया. हालांकि आजाद इस सवाल का कोई जवाब नहीं दे पाए कि उन्होंने तब आवाज क्यों नहीं उठाई? उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह को राहुल के सामने झुकना नहीं चाहिए था, तब की कैबिनेट कमजोर थी. जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम आजाद ने कहा कि हमने अध्यादेश लाया था कि किसी न किसी वक्त हमारे खिलाफ ये इस्तेमाल होगा. क्योंकि कभी दूसरी पार्टी भी सत्ता में हो सकती है. उस समय उन्होंने उसे फाड़ दिया. उस समय कैबिनेट कमजोर थी. तब की कैबिनेट को अपने फैसले पर कायम रहना चाहिए था.
"खुद किए तुमने अपनी दीवारों में सुराख, अब..."
आजाद ने शायराना अंदाज में कहा कि खुद किए तुमने अपनी दीवारों में सुराख, अब कोई झांक रहा है तो शोर कैसा. आजाद ने आगे कहा कि जब आप कांग्रेस में होते हैं तो रीढ़ विहीन होते हैं. राहुल गांधी के साथ नेताओं के सूरत कोर्ट जाने पर भी आजाद ने सवाल उठाए. उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने राहुल गांधी की वजह से कांग्रेस छोड़ी थी. यूपीए सरकार में आजाद खुद कैबिनेट मंत्री थे.
"बीजेपी का हो सकता है कांग्रेस जैसा हाल"
इससे पहले बुधवार को दिन में भी आजाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि हम 24 घंटे नींद से उठकर मोदी और बीजेपी को गालियां नहीं देते. विदेश नीति में दुनिया विफल हो गई, लेकिन भारत सफल हुआ है. कुछ चीजों में बीजेपी को सुधार करना होगा नहीं तो उनका भी कांग्रेस जैसा हाल हो सकता है. विधानसभाओं को तोड़फोड़ करने का सिलसिला बंद करना होगा. आजाद ने कहा था कि कुछ कमियां सभी राजनीतिक पार्टियों में होती हैं, कांग्रेस में भी कुछ कमियां रही हैं. मैं आशा करता हूं कि कांग्रेस पार्टी उन गलतियों को ठीक करे, आगे बढ़े और एक राष्ट्रीय पार्टी की भूमिका निभाए.
कांग्रेस नेताओं ने आजाद पर किया पलटवार
कांग्रेस की ओर से भी गुलाम नबी आजाद पर पलटवार किया गया है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि जिस पार्टी ने एक कार्यकर्ता (गुलाम नबी आजाद) को इतना बड़ा नेता बनाया और आज वो उसी पार्टी को कोस रहे हैं. उन्होंने पार्टी का भरोसा तोड़ा है. जब इन्होंने पार्टी छोड़ी थी तब उन्होंने कहा था आज मैं आजाद हो गया हूं. तो हमें भरोसा हो गया है कि आप गुलाम हो गए हैं, आजाद नहीं.
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि गुलाम नबी आजाद जो कह रहे हैं वह बीजेपी के साथ एक स्पष्ट सौदा है. अगर आप बीजेपी से कुछ चाहते हैं तो उनकी पहली शर्त होती है राहुल गांधी का अपमान करना. इन्हें जो कहना है कहें, देश ने देखा है कि राहुल गांधी क्या हैं, राहुल गांधी के लिए आजाद के प्रमाण पत्र की कोई आवश्यकता नहीं है.
"पता नहीं गुलामी की क्या मजबूरी थी"
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी आजाद पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली में आलीशान सरकारी बंगले का लगान भी तो देना पड़ता है और जब अपनी किताब का विमोचन होने वाला हो तो भाई विवाद और सुर्खियों में बने रहना लाजमी है. अच्छे खासे आजाद थे, पता नहीं गुलामी की क्या मजबूरी थी?
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