नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद यूरोपियन डेलिगेशन के मामले को लेकर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक़ ग़ुलाम नबी आज़ाद, यूरोपियन डेलिगेशन और कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद जो हालात पैदा हुए हैं उस पर राज्यसभा में नोटिस देने वाले हैं
हाल ही में यूरोप से आए सांसदों का डेलीगेशन कश्मीर गया था जिसके बाद कांग्रेस और ख़ासतौर पर ग़ुलाम नबी आज़ाद ने सरकार से सवाल पूछा था कि भारत के सांसद और विपक्षी पार्टियों के नेता तो सुप्रीम कोर्ट की इजाज़त लेकर जा रहे हैं और सरकार दूसरे देश के सांसदों को यहाँ बुलाकर संसद का अपमान कर रही है.
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ग़ुलाम नबी आज़ाद ने पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया है जिसमें वो कश्मीर के हालात, यूरोपियन डेलिगेशन का कश्मीर जाना, जम्मू और कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को 5 अगस्त से बंदी बनाकर रखना और बाकी बचे नेताओं पर लगी पाबंदी जैसे मुद्दों को संसद में उठाने वाले हैं.
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इससे पहले ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कश्मीर जाने की भी दो बार कोशिश की है. एक बार उन्हें जम्मू के एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया और दूसरी बार कश्मीर के एयरपोर्ट से ही वापस दिल्ली रवाना कर दिया गया है और तीसरी बार राहुल गांधी और विपक्षी पार्टियों के नेताओं को भी एयरपोर्ट से ही वापिस दिल्ली भेज दिया गया था.
जिसके बाद ग़ुलाम नबी आज़ाद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और उन्हें कश्मीर जाने की अनुमति मिली लेकिन कश्मीर से लौटने के बाद भी ग़ुलाम नबी आज़ाद ने सरकार पर आरोप लगाया था कि जब वो लोगों से मिलते थे तो सरकार की एजेंसियों के लोग उनकी बातचीत को कैमरे में क़ैद कर रहे थे और कश्मीर के लोग डर के मारे अपने दिल की बात उनसे नहीं कर पाते थे.
अब जैसे ही संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई है तो राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है.