कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव की मांग करने वाले नेताओं के समूह ‘जी-23’में शामिल गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की. यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब आजाद और ‘जी-23’ के नेताओं ने कांग्रेस में सभी स्तरों पर ‘‘सामूहिक और समावेशी नेतृत्व’’का आह्वान किया है और बीजेपी का मुकाबला करने के लिए बड़ी विपक्षी एकता बनाने की जोरदार हिमायत की है.


विपक्षी एकजुटता के लिये महत्वपूर्ण होंगे पवार 


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को महाराष्ट्र में सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस और शिवसेना को एक साथ लाने में कामयाब रहे पवार को विपक्षी एकजुटता के लिए महत्वपूर्ण नेता माना जा रहा है. पवार के करीबी सूत्रों ने कहा कि राकांपा प्रमुख संसद सत्र के दौरान जब भी राष्ट्रीय राजधानी में रहते हैं तो आजाद उनसे मुलाकात किया करते हैं.


आपको बता दें कि पार्टी में पांच विधानसभा चुनावों में हार के बाद से ही तनावपूर्ण माहौल है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की आंतरिक कलह के बाद पार्टी के जी-23 समूह ने गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं.


नाराजगी दूर करने के लिये उठाये गये हैं कदम


हालांकि सोनिया गांधी की ओर से जी-23 समूह के नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए कदम उठाए गए हैं.  पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं ने नए सिरे से गोलबंदी शुरू कर दी थी. इन नेताओं ने बयान जारी कर कांग्रेस आलाकमान को सामूहिक नेतृत्व की नसीहत दे डाली. 


हालांकि राहुल गांधी के साथ भूपेंद्र हुड्डा और सोनिया गांधी के साथ गुलाम नबी आजाद की बैठक के बाद सुलह के आसार दिखने लगे थे. मनीष तिवारी और तन्खा के साथ आनंद शर्मा तो सोनिया गांधी से मिले ही, शाम को हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के साथ दुबारा दस जनपथ पहुंचे थे.


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