Modi Surname Case: राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत तो क्या कुछ बोले गुलाम नबी आजाद?
Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने भी रिएक्शन दिया है.
Ghulam Nabi Azad On Rahul Gandhi: 'मोदी सरनेम' वाले केस में सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को मिली फौरी राहत के मामले में पूर्व कांग्रेसी और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने प्रतिक्रिया दी है. शुक्रवार (4 अगस्त) को मीडिया से बातचीत के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा, ''मैं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को क्रेडिट दूंगा.''
VIDEO | "The credit goes to the Supreme Court," says Ghulam Nabi Azad, Chairman, Democratic Progressive Azad Party, on Supreme Court staying the conviction of Rahul Gandhi in Modi surname remark case. pic.twitter.com/og8pE4OYD4
— Press Trust of India (@PTI_News) August 4, 2023
इसी के साथ आजाद ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ''फैसला उनके (राहुल) पक्ष आया है तो अच्छी बात है. उनकी अयोग्यता का कोई असर नहीं हुआ. वह वही काम कर रहे थे जो पहले एक सांसद के रूप में कर रहे थे.''
राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने ‘मोदी सरनेम’ को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी के संबंध में 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए शुक्रवार (4 अगस्त) को उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ कर दिया. शीर्ष अदालत गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
मामले की सुनवाई कर रही तीन जस्टिस की बेंच ने कहा, “निचली अदालत के जज की ओर से अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है.”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ये बोले
राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत पर कांग्रेस के कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ''सत्य की ही जीत हुई! हम राहुल गांधी जी को राहत देने वाले माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. न्याय दिया गया है. लोकतंत्र की जीत हुई है. संविधान को बरकरार रखा गया है. राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी का साजिशपूर्ण उत्पीड़न पूरी तरह से उजागर हो गया है. उनके लिए विपक्षी नेताओं को दुर्भावनापूर्ण निशाना बनाना बंद करने का समय आ गया है. अब समय आ गया है कि वे लोगों से मिले जनादेश का सम्मान करें और ऐसा काम करें जिसमें वे पिछले 10 वर्षों में बुरी तरह विफल रहे हैं.''
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