(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Azad Quits Congress: 'अगर गुलाम नबी आजाद को लगता है कि उनके इस्तीफे से...', कांग्रेस का निशाना
Ghulam Nabi Azad Resignation: गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से इस्तीफा देने और राहुल गांधी पर पर निशाना साधने को लेकर पार्टी में उनके प्रति काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है.
Ghulam Nabi Azad Resignation News: गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कांग्रेस (Congress) से अपने पांच दशक पुराना रिश्ता तोड़ दिया है और नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है. आजाद के इस फैसले से कांग्रेस उनपर भड़क गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने गुलाम नबी आजाद पर निशाना साधते हुए उनके इस कदम की आलोचना की है. जयराम रमेश ने आजाद पर हमला करते हुए ट्विटर पर लिखा, "अगर गुलाम नबी आजाद और उनके रिमोट कंट्रोल को लगता है कि उनका इस्तीफा 4 सितंबर को कांग्रेस पार्टी की महंगाई रैली और 7 सितंबर को भारत जोड़ों यात्रा की शुरुआत को अस्थिर कर देगा तो वे बहुत गलत हैं. इस्तीफे ने हमारे संकल्प को और मजबूत किया है."
आजाद का डीएनए मोदीफाइड हो गया
इससे पहले जयराम रमेश ने मीडिया से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद पर तीखा हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि गुलाम नबी आजाद का डीएनए मोदीफाइड हो गया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि एक ऐसे व्यक्ति को जिसे कांग्रेस नेतृत्व ने इतना सम्मान दिया, उसने बेहद निजी और घटिया हमला करके विश्वासघात किया है. जयराम रमेश ने कहा कि आजाद के इस बर्ताव से उनका असली चरित्र सामने आ गया है.
गुलाम नबी आजाद ने राहुल पर साधा निशाना
बता दें कि वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पांच पन्नों के त्याग पत्र में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनके राजनीति में आने के बाद से ही कांग्रेस में वह व्यवस्था खत्म हो गई, जिसमें सबकि सहमति और सलाह से काम किया जाता था.
कांग्रेस में कई अहम पदों पर रहे गुलाम नबी आजाद
बता दें कि गुलाम नबी आजाद काफी समय से कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे थे. वह कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के मांग काफी समय से कर रहे थे. बता दें कि आजाद 37 साल तक कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव पद पर रहे. वह इंदिरा गांधी के जमाने के नेता हैं और सोनिया गांधी के भी करीब रहे हैं. वह इंदिरा, नरसिम्हा और मनमोहन सरकार में मंत्री भी रहे. इसके गुलाम नबी आजाद 3 साल तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और साल तक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे.
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