(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ghulam Nabi Azad Resigns: कुलदीप बिश्नोई बोले- मैं बीजेपी में लाने के लिए गुलाम नबी आजाद को मना सकता हूं
Kuldeep Bishnoi Attacks Rahul Gandhi: कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में आए कुलदीप बिश्नोई ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने पर राहुल गांधी पर तंज कसा और बोले-अब अपना अहंकार छोड़िए.
Ghulam Nabi Azad Resigns: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस के पतन के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को जिम्मेदार ठहराया. इसके बाद से ही राजनीति गरमाई हुई है. इसी महीने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी (BJP) में आए कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) ने कहा कि पार्टी "आत्म-विनाश मोड" में है और उन्होंने सुझाव दिया कि राहुल गांधी "अपना अहंकार छोड़ दें."
बिश्नोई बोले-मैं गुलाम नबी आजाद को मना सकता हूं
बिश्नोई ने कहा कि "यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस आत्म-विनाश, आत्मघाती मोड में है. मेरा सुझाव है कि राहुल गांधी अपने अहंकार को एक तरफ रख दें ... गुलाम नबी आजाद का BJP में स्वागत है. अगर पार्टी मुझसे कहे तो मैं गुलाम नबी आजाद को बीजेपी में आने के लिए हर हाल में मना सकता हूं. अगर गुलाम नबी आजाद बीजेपी में आते हैं तो उनका स्वागत है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने सिद्धांतों से भटक गई है. जब इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जी थे तब पार्टी की सोच और विचारधारा सही थी, लेकिन अब विचारधारा और सोच बदल गई है. मुझे भी पार्टी में घुटन होती थी. हमारे जैसे लोग, ज्योतिरादित्य सिंधिया, गुलाब नबी आजाद जैसे लोग पार्टी छोड़ रहे हैं तो इसका मतलब कांग्रेस में ही दोष है.
बिश्नोई ने कहा कि राहुल गांधी तीन से चार लोगों से घिरे हुए हैं. वे धन, बल पर फैसला करते हैं. राहुल गांधी के पास रहने वाले ये लोग कभी चुनाव लड़े नहीं है और न ही उनके पास ज्ञान है. यही लोग कांग्रेस पार्टी के गर्त में जाने के जिम्मेदार हैं. मेरे पिता ने सारी जिंदगी कांग्रेस पार्टी को एकजुट बनाए रखने की कोशिश की.
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा, आजाद ने राहुल गांधी को "स्पष्ट अपरिपक्वता" और पार्टी में "परामर्श तंत्र को ध्वस्त करने" का जिम्मेदार बताया. आजाद ने लिखा, "दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में प्रवेश के बाद और विशेष रूप से जनवरी 2013 के बाद जब उन्हें आपके द्वारा उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था तो उनके द्वारा पहले मौजूद पूरे परामर्श तंत्र को ध्वस्त कर दिया गया था." आजाद ने अपने पांच पन्नों के पत्र में कहा, 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू करने से पहले नेतृत्व को 'कांग्रेस जोड़ो यात्रा' करनी चाहिए थी.
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