नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार से बीजेपी के अलग होने के बाद कांग्रेस ने आज कहा कि उसका पीडीपी के साथ हाथ मिलाने का कोई सवाल ही नहीं है. पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाकर बहुत बड़ी गलती की थी.
आजाद ने कहा कि बीजेपी एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसे पीडीपी के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्रीय पार्टियों को आपस में गठबंधन के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए था. ’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि इस गठबंधन ने राज्य को आर्थिक और सामाजिक रूप से तबाह कर दिया और जम्मू-कश्मीर को बदहाली की स्थिति में छोड़ दिया. गौरतलब है कि बीजेपी आज पीडीपी से अलग हो गई और उसने गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया.
87 सदस्यों वाली जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी की 28, बीजेपी की 25, कांग्रेस की 12 और अन्य की सात सीटें हैं. बीजेपी और पीडीपी दोनों ने 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन किया था.
कैसे बनेगी सरकार
सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 44 सीटें चाहिए. गठबंधन टूटने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए ये विकल्प हैं-
- महबूबा मुफ्ती किसी और पार्टी के साथ सरकार बनाएं ये एक विकल्प हो सकता है. उनकी 28 सीटों वाली पीडीपी, 12 सीटों वाली कांग्रेस और अन्य सात के साथ मिलकर 47 सीटों के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करे.
- दूसरा विकल्प ये है कि 25 सीटों वाली पार्टी बीजेपी, 15 सीटों वाली उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और सात अन्य सीटों के साथ मिलकर 47 सीटों के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करे.
- एक विकल्प ये भी है कि केंद्र राज्यपाल शासन लगाए और राज्यपाल वहां पर शासन चलाएं.
पीडीपी से नाता तोड़े जाने के फैसले से संबंधित चिट्ठी बीजेपी ने राज्यपाल एनएन वोहरा को भेज दी है. इस बीच राज्य में मुख्य विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस ने बैठक बुलाई है. इस बैठक में आगे की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी. बीजेपी महासचिव राम माधव ने इस ऐलान के बाद कहा कि ''जनता के जनादेश को ध्यान में रखकर हमने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ सरकार चलाने का निर्णय लिया था. लेकिन पीडीपी-बीजेपी गठबंधन को लेकर आगे चलना संभव नहीं हो रहा था.' उन्होंने कहा कि कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सहमति के बाद गठबंधन तोड़ने पर फैसला किया गया.''