नई दिल्लीः कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने की निंदा की है. कांग्रेस ने कहा कि एक ‘राष्ट्रभक्त’ नेता के खिलाफ इस कानून का इस्तेमाल करना उचित नहीं है. पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि भारत की एकता और अखंडता की लड़ाई लड़ने वाले नेताओं को जेल में डाला जा रहा है.
गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं. यह देश का दुर्भाग्य है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री और एक मुख्याधारा की पार्टी के नेता के साथ यह हुआ है.’’ उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस जम्मू-कश्मीर की सबसे पुरानी पार्टी है और उसने देश की एकता एवं अखंडता के लिए काम किया है.
आजाद ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में अगर आतंकवाद नहीं है तो वह जम्मू-कश्मीर की जनता, कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के कारण हुआ है. बीजेपी के कारण यह नहीं हुआ है.’’
फारूक अब्दुल्ला के समर्थन में उतरे राजीव शुक्ला
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ये फारूक साहब के साथ अन्याय है. वह हमेशा से एक राष्ट्रभक्त व्यक्ति रहे हैं. आप उनके भाषण उठाकर देख सकते हैं. उनके पुत्र (अटल बिहारी) वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे हैं. वह कई सरकारों में रहे हैं. उनके लिए इस तरह के कानून का इस्तेमाल उचित नहीं है. उनकी उम्र और स्वास्थय को देखते हुए भी सरकार का ये कदम उचित नहीं है.’’
गौरतलब है कि अब्दुल्ला को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है. पीएसए के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है.
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