Ghulam Nabi Azad: गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को भेजा 2 करोड़ की मानहानि का नोटिस, जानिए क्या है मामला?
Jammu Kashmir: पूर्व कांग्रेस नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने बार-बार 'गुलाम' शब्द का इस्तेमाल करने के लिए जयराम रमेश को मानहानि का नोटिस भेजा है.
Ghulam Nabi Azad News: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार (24 फरवरी) को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश को कानून नोटिस भेजा है. पूर्व कांग्रेस नेता ने 'गुलाम', 'मीर जाफर' और 'वोट काटने वाला' कहने पर जयराम रमेश (Jairam Ramesh) को नोटिस भेजा है. आजाद के कानूनी सलाहकार नरेश कुमार गुप्ता के माध्यम से भेजे गए नोटिस में आजाद की "बेदाग प्रतिष्ठा" को नुकसान पहुंचाने के लिए 2 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा गया है.
नोटिस में कहा गया कि जयराम रमेश (नोटिस प्राप्तकर्ता)...आप राष्ट्रीय स्तर पर उनके (आजाद) बढ़ते सम्मान और प्रतिष्ठा को कलंकित करने और नुकसान पहुंचाने के लिए हमेशा अवसर की तलाश में रहते हैं. आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के तुरंत बाद दूसरों की राय में उन्हें नीचा दिखाने के लिए आपने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर पोस्ट में बार-बार ‘गुलाम’ शब्द का इस्तेमाल किया. गुप्ता ने नोटिस में कहा कि रमेश ने आजाद को बदनाम करने के लिए जानबूझकर ऐसा किया.
नोटिस में और क्या कहा?
नरेश कुमार गुप्ता ने नोटिस में कहा कि जयराम रमेश ने "गुलाम" शब्द का इस्तेमाल स्लेव (गुलाम) के रूप में किया है. ये नेता को बदनाम करने के लिए जानबूझकर किया गया काम है. उन्होंने कहा कि रमेश ने अपने बयानों के माध्यम से आईपीसी की धारा 500 के तहत अपराध किया है और मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है.
आजाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस छोड़ी थी
मीर जाफर, जिन्होंने बंगाल के नवाब सिराज-उद-दौला के अधीन बंगाल सेना के कमांडर के रूप में कार्य किया, ने भारत में ब्रिटिश शासन का मार्ग प्रशस्त करते हुए, प्लासी की लड़ाई के दौरान उनके (नवाब) साथ विश्वासघात किया. तब से उनका नाम "देशद्रोही" का पर्याय बन गया. आजाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी का नाम देते हुए अपनी पार्टी बनाई थी.
आजाद की छवि खराब हुई
नोटिस में कहा गया है कि आजाद के खिलाफ प्रेस बयानों में दिए गए बयान द्वेष पर आधारित थे और इससे आजाद को "मानसिक पीड़ा, यातना, उत्पीड़न" हुआ और उनकी छवि खराब हुई, जिसको वापस नहीं लाया जा सकता. गुप्ता ने रमेश को कानूनी नोटिस मिलने की तारीख से दो सप्ताह के भीतर मीडिया के माध्यम से या किसी भी प्रकार के संचार के माध्यम से बिना शर्त माफी मांगने की सलाह दी है.
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