Giriraj Singh On Arshad Madani: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें आम अधिवेशन में दारुल उलूम देवबंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने इस्लाम और हिंदू धर्म को लेकर कई विवादित बयान दिए. इतिहासकारों से इतर उनके बयानों ने नई बहस को जन्म दे दिया है. 'आदम को हिंदू और मुसलमान का पूर्वज' बताने वाले अरशद मदनी पर अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि ये लोग जिन्ना की सोच वाले हैं, बंटवारे के समय इन्हें पाकिस्तान भेज देना चाहिए था.
मौलाना अरशद मदनी ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में कहा कि ओम और अल्लाह एक ही हैं. उन्होंने ये भी कहा कि जब धरती पर कोई नहीं था, तब मनु किसे पूजते थे? मदनी ने आदम को ही हिंदू और मुसलमान का पूर्वज बताया. उनके इन्हीं बयानों पर गिरिराज सिंह भड़क गए हैं. गिरिराज ने कहा है कि मदनी इस तरह के बयान से माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
'मुसलमानों के पास हिंदू डीएनए'
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भारतीय मुसलमानों के पास हिंदू डीएनए है, क्योंकि वे इस्लामी शासन के दौरान परिवर्तित हुए थे. गिरिराज सिंह ने आगे कहा, "मदनी हो या जो हो, भारत में मोदी की सरकार को बदनाम करने के लिए ये सब कर रहे हैं. 1400 साल इस्लाम की आयु है. इससे पुराना तो ईसाई धर्म है. ईसाई 2200 साल पुराना है."
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'इनको पाकिस्तान भेज देना चाहिए था'
गिरिराज सिंह ने कहा कि हमारे ओम और शिव अनादि हैं. हमारे कई ऋषि हैं, जिन्होंने हजारों साल तपस्या की है. मुगलों ने हमारे ही पूर्वजों को मुसलमान बनाया. उन्होंने कहा, "हमारे पूर्वजों ने गलती की. जब आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ तो इनको पाकिस्तान भेज देना चाहिए था. ये लोग जिन्ना की सोच वाले हैं."
मुस्लिम स्कॉलर ने क्या कहा?
मुस्लिम स्कॉलर भी मौलाना अरशद मदनी के कई बयानों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. शहाबुद्दीन रिजवी का कहना कि भारत में जब इस्लाम आया तो उससे पहले कई मजहब यहां पर मौजूद थे. उन्होंने कहा, "मिसाल के तौर पर बौद्ध, जैन और आर्यन यहां के मजहब हैं और इस्लाम बहुत बाद में आया. भारत में इस्लाम नया मजहब है." शहाबुद्दीन रिजवी ये भी बताया कि भारत में इस्लाम आक्रांताओं के साथ ही आया था.