नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के राम मंदिर निर्माण को लेकर बयान ने नए विवाद को जन्म दे दिया है. फारुख अब्दुल्ला ने कहा था कि भगवान राम तो पूरे विश्व में व्याप्त हैं तो फिर उनका मंदिर अयोध्या में ही क्यों बने? इस बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. गिरीराज सिंह ने कहा है कि ये बात उन्हें समझ नहीं आएगी. इसे समझने के लिए उन्हें एक बार सनातन धर्म में जन्म लेना होगा.
गिरिराज सिंह ने कहा, ''अयोध्या में राम मंदिर क्यों बने ये समझने के लिए उन्हें एक बार सनातन धर्म में पैदा होना पड़ेगा. हजरत साहब का बाल 1963 में गायब हो गया इस पर पंडित नेहरू परेशान क्यों हो गए. आज हम प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पर मंदिर बनाना चाहते हैं तो फारुख साहब को परेशानी हो रही है. वो मक्का में ही हज करने के लिए क्यों जाते हैं, क्या हम मंदिर मक्का और पाकिस्तान ले जाएं. हमें नसीहत ना दें, 100 करोड़ हिंदुओं को इतना ना दबाएं कि बर्दाश्त ना कर सकें.''
सिंह ने कहा, ''1947 में पाकिस्तान धर्म के आधार पर अलग हुआ, आज वली रहमानी साहब कह रहे हैं कि मैं लाखों लोगों को जमा करूंगा. आज जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के अंदर हिंदुओं की धर्मस्थली को तोड़ा जा रहा है. भारत में हमने सभी धर्मों को सम्मान दिया है. हमें इतना भी अधिकार भी नहीं देंगे क्या कि काशी, मथुरा और अयोध्या को पूज सकें, मंदिर बना सकें?''
काशी और मथुरा के सवाल पर गिरिराज सिंह ने कहा, ''काशी और मथुरा में भी हमारे आराध्य हैं, नेहरू की गलतियों के कारण ये सब दुर्दशा हो रही है. जब सोमनाथ बना था उसी समय काशी, मथुरा और अयोध्या भी बना दिया गया होता तो दुर्दशा नहीं होती. 70 साल हो गए अगर अब देर नहीं तो फिर विलंब किसे कहा जाएगा.''
फारुख अब्दुल्ला ने क्या कहा था?
सोमवार को कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की किताब 'फेब्लस आफ फ्रेक्चरर्ड टाइम्स' के लॉन्च पर फारुख अब्दुल्ला ने राम मंदिर बनाने पर सवाल खड़े कर दिए. फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण क्यों होना चाहिए जबकि राम सर्वव्याप्त हैं और पूरी दुनिया के भगवान हैं.
अब्दुल्ला ने कहा, ''बिहार के सीतामणि में देवी सीता का मंदिर क्यों नहीं बनना चाहिए?'' अब्दुल्ला ने कहा, "सभी मुसलमानों ने कहा कि वो कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे.'' इस पर पवन वर्मा ने उत्तर दिया, "अब हम एक करार में हैं.''