टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पुलिस ने गूगल मैप्स के जरिए बच्ची का गांव ढूंढ लिया और सकुशल उसे उसके माता-पिता के पास पहुंचा दिया.
पुलिस ने कैसे ढूंढा बच्ची का गांव
दरअसल ये बच्ची दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल विक्रम को रास्ते में मिली थी. जिसके बाद वह इसे पुलिस स्टेशन लेकर आ गए. इलाके के डीसीपी रोमिल बानिया ने बताया कि बच्ची अपने गांव का पता नहीं बता पा रही थी. उसने इतना बताया कि वह अपने माता-पिता के साथ मालवीय नगर में शादी में आई थी. इसके बाद बच्ची ने बताया कि वह करीब चार घंटों में दिल्ली आई थी.
पुलिस ने दूरी के हिसाब से लगाया शहरों का हिसाब
पुलिस ने दिल्ली से दूरी के हिसाब से शहरों का हिसाब लगाना शुरू किया और शहरों की पुलिस से इस बारे में जानकारी जुटानी शुरु की. इतना ही नहीं पुलिस ने बच्ची की जानकारियों के मुताबिक सफर के बीच आने वाली जगहों के बारे में पता किया. इससे पुलिस को अंदाजा हो गया कि वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश या उत्तराखंड से आई है. बाद में पुलिस को जानकारी मिली कि बच्ची मेरठ इलाके की है और उसके गांव के आस-पास तालाब है.
आखिर में ऐसे मिली पुलिस को सफलता
पुलिस ने गूगल मैप्स की मदद से ऐसे गांवों का पता लगाया जिनके आस-पास तालाब है. बाद में ऐसे गावों के सरपंचों से संपर्क किया गया. आखिर में पुलिस ने मेरठ से 44 किलोमीटर दूर बच्ची का गांव ढूंढ निकाला. इस गांव का नाम 'कोल' है. बाद में गांव के सरपंच की मदद से बच्ची को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया.