'शादी की उम्र बढ़ाने से लड़कियां करेंगी आवारगी', शादी की उम्र बढ़ाने वाले प्रस्ताव पर बोले सपा सांसद शफीक उर रहमान वर्क
Women Legal Age of Marriage: एटा में राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि यह गुलामी करवाने वाले लोगों की मानसिकता है जो हमेशा लड़कियों को गुलाम बनाए रखना चाहते हैं.
Women Legal Age of Marriage: केंद्र सरकार ने लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने का फैसला किया है. फिलहाल लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है, जिसे इस प्रपोजल के तहत बढ़ाकर 21 साल कर दिया जाएगा. अगर ये कानून बन जाता है तो फिर भारत उन चंद देशों में शुमार हो जाएगा, जहां महिलाओं की शादी की उम्र 21 साल है.
वहीं दूसरी तरफ सरकार के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद शफीक उर रहमान वर्क ने बेहद ही आपत्तिजनक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शादी की उम्र बढ़ाने से लड़कियां ज्यादा आवारगी करेंगी.
शफीक उर रहमान वर्क के इस बयान पर कई नेताओं ने आपत्ति जाताई है. एटा में राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि यह गुलामी करवाने वाले लोगों की मानसिकता है जो हमेशा लड़कियों को गुलाम बनाए रखना चाहते हैं जबकि मोदी सरकार संविधान के साथ से सबको बराबरी का अधिकार दे रही है. वहीं राज्यसभा सांसद सोनल मानसिंह ने एबीपी लसे बातचीत में कहा, "ऐसे लोगों को तो लड़कियां ही जवाब देंगी. यह उन लोगों की मानसिकता दर्शाता है."
दिसंबर 2020 में की गई थी सिफारिश
बता दें कि जया जेटली की अध्यक्षता में बनी एक टास्क फोर्स ने सरकार को अपनी रिपोर्ट दी है. ये सिफारिशें दिसंबर 2020 में की गई थीं. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जून 2020 में ये टास्क फोर्स बनाई गई थी, जिसमें नीति आयोग के सदस्यों को भी शामिल किया गया था. इसी टास्क फोर्स की सिफारिश है कि लड़की की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल कर देनी चाहिए. क्योंकि छोटी उम्र में लड़कियों को प्रेगनेंसी में समस्याएं होती हैं, मातृ मृत्यु दर बढ़ने की आशंका रहती है, पोषण के स्तर में भी सुधार की जरूरत होती है, टीनएज में लड़की अपने फैसले भी नहीं ले पाती, छोटी उम्र में शादी का असर लड़कियों की पढ़ाई पर भी पड़ता है.